Chana Barka Fish - हाल ही में असम वन विभाग के अधिकारियों ने डिब्रूगढ़ से साढ़े चार करोड़ रुपये की 500 से ज्यादा 'चन्ना बार्का' मछलियां जब्त की हैं। वन विभाग के एक अधिकारी द्वारा यह जानकारी प्राप्त की गई है की यह मछलियां कोलकाता से तस्करी कर लाई गई थीं। संभागीय वन अधिकारी बी.वी. संदीप ने बताया कि गुप्त सूत्रों से खबर मिली की कार्रवाई करते हुए वन विभाग के कर्मियों ने बड़ी संख्या में 'चेंग गरका' के नाम से मशहूर लुप्तप्रायः मछलियों को जब्त किया और उस वाहन के चालक को भी गिरफ्तार कर लिया गया है जो इन्हें हवाई अड्डा लेकर आया था।
चन्ना बरका को बरका स्नेकहेड मछली के नाम से भी जाना जाता है तथा इसे चेंग गराका या गराका चेंग के नाम से भी जाना जाता है। चन्ना बरका मछली को दुनिया की सबसे मंहगी मछलियों में से एक माना जाता है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मार्केट में चन्ना बरका मछली की कीमत लाखों में हैं। भारत में एक मछली 50 से 1 लाख रुपये तक ब्लैक में बेची जाती है।
चन्ना बार्का' मछली संरक्षित श्रेणी के अंतर्गत आती है और ये वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की 'अनुसूची दो' के तहत सूचीबद्ध हैं। सांप की तरह मुख वाली यह मछली की एक दुर्लभ प्रजाति है, जो पूर्वोत्तर भारत और बांग्लादेश में ऊपरी ब्रह्मपुत्र नदी बेसिन में पाई जाती है जिसकी कुल लंबाई 105 सेमी (3.4 फीट) तक होती है। इस प्रजाति को एक उत्कृष्ट भोजन मछली माना जाता है।
यह पानी के तापमान और ऑक्सीजन के स्तर में बड़े बदलावों का सामना करने में सक्षम है ये सुरंग बना कर रहे है जब अप्रैल-मई में बारिश से जिन बीलों में वे रहते हैं उनमें बाढ़ आ जाती है तब माता-पिता दोनों बच्चों की देखभाल करते हैं अक्सर नदी किनारे के पास ही इसके आवासों को देखा गया है। चन्ना बरका मछली को पकड़ने, पालने या बेचने पर प्रतिबंध लगा है क्योंकि यह मछली लुप्त होने की कगार पर है। 2014 में IUCN द्वारा इसे बांग्लादेश में गंभीर रूप से लुप्तप्राय के रूप में मूल्यांकन किया गया था।