सेमीकंडक्टर चिप का हब बनेगा भारत, चीन को लगा बड़ा झटका! जानिए क्यों खास है ये चिप

टाटा ग्रुप की कम्पनी टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड गुजरात में अपना सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन प्लांट लगाएगी। जिससे भारत भी सेमीकंडक्टर के मामले में ग्लोबल प्लेयर बनने की रेस में शामिल हो जायेगा।
Chip Manufacturing In India :भारत भी सेमीकंडक्टर के मामले में ग्लोबल प्लेयर बनने की रेस में शामिल हो जायेगा। (Wikimedia Commons)
Chip Manufacturing In India :भारत भी सेमीकंडक्टर के मामले में ग्लोबल प्लेयर बनने की रेस में शामिल हो जायेगा। (Wikimedia Commons)
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Chip Manufacturing In India : मोदी सरकार ने पहले ही इलेक्ट्रॉनिक प्रॉडक्ट्स की 'जान' कहलाने वाले इस छोटी सी चिप के महत्व का आभास लगा लिया इसलिए देश में सेमीकंडक्टर प्लांट के लिए ऐसा इकोसिस्टम तैयार किया जा रहा है कि एक साल के अंदर ही भारत को आज तीन सेमीकंडक्टर यूनिट का तोहफा मिल गया। पीएम मोदी ने तीन सेमीकंडक्टर परियोजनाओं का शिलान्यास किया। ये तीन प्लांट गुजरात के धोलेरा, साणंद और असम मोरीगांव में लगाए जाएंगे। टाटा ग्रुप की कम्पनी टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड गुजरात में अपना सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन प्लांट लगाएगी। जिससे भारत भी सेमीकंडक्टर के मामले में ग्लोबल प्लेयर बनने की रेस में शामिल हो जायेगा। लेकिन भारत के पड़ोसी देश चीन को ये बात नहीं भा रहा है क्योंकि यदि भारत इस रेस में शामिल हो जायेगा, तो चीन का दबदबा कम हो जाएगा।

क्या है सेमीकंडक्टर चिप

सेमीकंडक्टर चिप, इलेक्ट्रॉनिक प्रॉडक्ट्स का हृदय माना जाता है। ये चिप स्मार्टफोन्स से लेकर कार, डेटा सेंटर्स, कम्प्यूटर्स, लैपटॉप, टैबलेट, स्मार्ट डेवाइसेज, इलेक्ट्रिकल व्हीक्ल्स, हाउसहोल्ड अप्लायंसेज, लाइफ सेविंग फार्मास्यूटिकल डेवाइसेज, एग्री टेक डिवाइस, एटीएम जैसे तमाम प्रोडक्ट्स में इसका इस्तेमाल होता है।

टाटा ग्रुप की कम्पनी टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड गुजरात में अपना सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन प्लांट लगाएगी। (Wikimedia Commons)
टाटा ग्रुप की कम्पनी टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड गुजरात में अपना सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन प्लांट लगाएगी। (Wikimedia Commons)

साल 2026 तक भारत में सेमीकंडक्टर का मार्केट 63 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान लगाया गया है। चिप के फायदे और उसकी जरूरतों को देखते हुए चीन और ताइवान जैसे देशों पर निर्भरता कम करने के लिए पीएम मोदी ने चिप मैन्युफैक्चरिंग को टॉप प्रायोरिटी दी। भारत सेमीकंडक्टर के मामले में आत्मनिर्भर बनना चाहता है और इसके अलावा निर्यात के लिए भी सक्षम बन जायेगा।

चीन का मनमानी अब नहीं चलेगा

चिप मैन्युफैक्चरिंग की बात करे तो पूरी दुनिया चीन, कोरिया और ताइवान पर ही निर्भर है। इसी बात का फायदा चीन सालों से उठाता आ रहा है। अमेरिका समेत दुनियाभर के देशों के लिए चीन चिप का बड़ा मार्केट है। सेमीकंडक्टर की कुल बिक्री में चीन का एक तिहाई योगदान है, और अमेरिकी कंपनियों का 60 से 70 फीसदी रेवेन्यू चीन से ही आता है। चीन भी मनमाने नियमों और पाबंदियों के कारण, वो कंपनियों और देशों को परेशान करता रहा है। चीन पर निर्भरता के कारण ही कोविड के समय में सेमीकंडक्टर पर निर्भर कंपनियों को भारी नुकसान झेलना पड़ा था।

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