मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के तुलसी मानस प्रतिष्ठान परिसर में भगवान श्रीराम और मानस के प्रसंग पर आधारित संग्रहालय का निर्माण प्रतिष्ठान के परिसर में किया जाएगा। यह ऐलान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रतिष्ठान की प्रबंधकारिणी समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए किया। चौहान ने कहा, तुलसी मानस प्रतिष्ठान द्वारा भगवान श्रीराम और उनके आदर्शों से युवा वर्ग को अवगत कराने के प्रयास सराहनीय हैं। भगवान श्रीराम और मानस के प्रसंग पर आधारित संग्रहालय का निर्माण प्रतिष्ठान के परिसर में किया जाएगा, जो निश्चित ही एक आकर्षक और प्रेरक स्थल के रूप में पहचान बनाएगा। संग्रहालय को इस तरह विकसित किया जाना चाहिए, जिससे भोपाल आने वाले पर्यटक भी इसे देखने अवश्य आएं।
मुख्यमंत्री चौहान इस प्रतिष्ठान के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा कि संग्रहालय के अवलोकन से विद्यार्थियों को श्रीराम की शिक्षाओं को आत्म-सात करने में आसानी होगी। इस संग्रहालय की स्थापना के लिए प्रतिष्ठान को आवश्यक वित्तीय सहयोग भी प्रदान किया जाएगा।
प्रतिष्ठान के कार्याध्यक्ष रघुनंदन शर्मा ने बताया कि समाज में समरसता के प्रसार के लिए रामचरित मानस के ज्ञान का प्रसार किया जा रहा है। समाज के वंचित वर्ग और शिक्षण केन्द्रों में तुलसी मानस के प्रचार-प्रसार के प्रयास किए जा रहे हैं। स्कूल शिक्षा और संस्कृति विभाग के सहयोग से विद्यार्थियों के ज्ञान स्तर को जानने के लिए प्रतियोगिता की जा रही है। प्रदेश के महाविद्यालयों में स्नातक स्तर की प्रथम वर्ष की कक्षाओं में हिंदी विषय में सुंदरकांड के शिक्षण की शुरूआत हुई है। रामचरित मानस और अयोध्या प्रसंग से संबंधित अध्याय को पाठ्यक्रम में सम्मिलित करने की कार्यवाही भी प्रचलित है। प्रतिष्ठान द्वारा संभाग स्तर पर शिक्षा अधिकारियों की भागीदारी से कार्यशालाएं हो रही हैं। भारत सरकार द्वारा तुलसी मानस प्रतिष्ठान में श्रीराम संग्रहालय की स्थापना के लिए स्वीकृति प्रदान करने की प्रक्रिया संचालित है। इसके लिए राज्य शासन से सहयोग की अपेक्षा है।
(आईएएनएस/PS)