उत्तरकाशी (Uttarkashi) में स्थित गंगोत्री धाम के कपाट बंद हो गए हैं। अगले तीन महीनों तक गंगोत्री क्षेत्र पूरी तरह बर्फ से ढका रहेगा, लेकिन उस वक्त भी यहां 52 साधु-संत मौजूद रहेंगे, जो कि यहां साधना करेंगे। इन संतों की साधना को सुविधाजनक और सुरक्षित बनाने के लिए स्थानीय प्रशासन ने एक शानदार काम किया है। पुलिस ने शीतकाल में गंगोत्री में रहने वाले साधुओं का वैरिफिकेशन किया है। सुरक्षा की दृष्टि से उनका रिकॉर्ड जुटाया गया है। रिकॉर्ड होने से एक फायदा ये भी होगा कि आपातकालीन स्थिति में समय रहते साधु-संतों की मदद की जा सकेगी। 2 दिन पहले पुलिस ने गंगोत्री धाम पहुंचकर सत्यापन की कार्यवाही पूरी की। भोजवासा, तपोवन व कनखू बैरियर में रहने वाले सात संतों का भी सत्यापन किया जाना है।
बता दें कि शीतकाल के दौरान हर साल शून्य से नीचे तापमान में कई साधु-संत गंगोत्री से लेकर तपोवन तक साधना करते हैं। इस बार भी 52 साधु-संत साधना के लिए गंगोत्री (Gangotri), कनखू, भोजवासा और तपोवन पहुंचे हैं, लेकिन इनके सत्यापन का काम पहली बार हुआ है। बीते वर्षों तक पुलिस और प्रशासन के पास साधना करने वाले साधु-संतों का सही आंकड़ा नहीं होता था। गंगोत्री क्षेत्र तीन महीने तक पूरी तरह बर्फ़ से ढका रहता है, पानी पीने के लिए भी बर्फ़ को पिघलाना पड़ता है, जबकि साधना अवधि के लिए राशन की व्यवस्था पहले ही कर दी जाती है। इस बार 'पुलिस अधीक्षक अपर्ण यदुवंशी' के निर्देश पर साधना करने वाले सभी संतों का ब्यौरा जुटाया गया है, ताकि आपात स्थिति में उनकी मदद की जा सके।
आईएएनएस/RS