उत्तराखंड में 'संस्कृत ग्राम' देगा वेद-पुराणों का ज्ञान

संस्कृत ग्राम को विकसित करने का विचार पहली बार त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्री काल के दौरान हुआ था, लेकिन यह योजना आगे नहीं बढ़ सकी थी।
उत्तराखंड में 'संस्कृत ग्राम' देगा वेद-पुराणों का ज्ञान
उत्तराखंड में 'संस्कृत ग्राम' देगा वेद-पुराणों का ज्ञान डॉ. धन सिंह रावत (IANS)
Published on
1 min read

संस्कृत को लेकर उत्तराखंड सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार उत्तराखंड के हर जिले में 'संस्कृत ग्राम' (Sanskrit Gram) बनाने जा रही है। 'संस्कृत ग्राम' में वेद-पुराणों का ज्ञान मिलेगा।

बता दें संस्कृत उत्तराखंड की दूसरी आधिकारिक भाषा है। उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जिसने संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए इस पैमाने पर पहल की है। वहीं, दक्षिण भारत में कर्नाटक में ही केवल एक संस्कृत भाषी गांव है। मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि स्थानीय लोगों को संस्कृत सिखाने के लिए चयनित गांवों में संस्कृत शिक्षकों को भेजा जाएगा।

उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को संस्कृत में दक्षता हासिल करने के लिए वेद और पुराण भी सिखाए जाएंगे। 'संस्कृत ग्राम' कहे जाने के लिए इनमें से प्रत्येक गांव में प्राचीन भारतीय संस्कृति का केंद्र होगा। मंत्री रावत ने कहा कि युवा पीढ़ी को अपने पूर्वजों की भाषा बोलने में सक्षम होना चाहिए। यह पहल युवा पीढ़ी को अपनी जड़ों के करीब ले जाएगी। साथ ही ये गांव देश और विदेश से आने वाले पर्यटकों को भारत की प्राचीन संस्कृति से रूबरू भी करवाएंगे।

उत्तराखंड में 'संस्कृत ग्राम' देगा वेद-पुराणों का ज्ञान
नई शिक्षा नीति को अपनाने वाला देश का पहला राज्य बना उत्तराखंड

गौरतलब है कि संस्कृत ग्राम को विकसित करने का विचार पहली बार त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्री काल के दौरान हुआ था, लेकिन यह योजना आगे नहीं बढ़ सकी थी। बगेश्वर और चमोली में कुछ पायलट परियोजनाओं तक ही यह प्रोजेक्ट सीमित रहा। हालांकि, धन सिंह रावत का कहना है कि इसे इस बार पूरी तरह से लागू किया जाएगा।
(आईएएनएस/PS)

Related Stories

No stories found.
logo
hindi.newsgram.com