जब नाम के पीछे लगता था नेहरू और कौल का सरनेम, तो क्यों आगे चलकर यह गांधी हो गया

जानिए क्यों नेहरू खानदान के लोग आगे चलकर अपने नाम के पीछे गांधी लगाने लगे।
नेहरु परिवार के गांधी सरनेम की कहानी (Wikimedia Commons)

नेहरु परिवार के गांधी सरनेम की कहानी (Wikimedia Commons)

गांधी सरनेम

न्यूज़ग्राम हिंदी: जैसा की हम सभी जानते हैं कि राहुल गांधी(Rahul Gandhi), सोनिया गांधी(Sonia Gandhi) और प्रियंका गांधी(Priyanka Gandhi), यह सभी जवाहरलाल नेहरू(Jawaharlal Nehru) के खानदान से हैं। जानिए क्यों नेहरू खानदान के लोग आगे चलकर अपने नाम के पीछे गांधी लगाने लगे।

जवाहरलाल नेहरू के खानदान के पहले पूर्वज जम्मू कश्मीर से हैं। 1707 के समय कश्मीर में मुगल बादशाह औरंगजेब का शासन था और वहां संस्कृत और फारसी के विद्वान पंडित राज कौल थे। औरंगजेब के बाद गद्दी पर आए बादशाह फरूखसियर ने पंडित राज कौल को दिल्ली आकर रहने का न्योता दिया। इसके बाद पंडित जी 1717 में दिल्ली आकर बस गए। चूंकि वह दिल्ली में नहर किनारे रहते थे इसलिए इनके नाम के पीछे नेहरू लगने लगा। आगे जवाहरलाल नेहरू बताते हैं कि ईस्ट इंडिया कंपनी के आने के बाद उनके कुटुंब का दिल्ली से सिलसिला टूट गया और कई लोग दिल्ली छोड़कर आगरा बस गया।

आगे जवाहरलाल नेहरू के पिता मोतीलाल नेहरू इलाहाबाद आकार वकालत की पढ़ाई करने लगे। यहीं उन्होंने एक बड़ा घर खरीदा और उसे खूब सजाया। जवाहरलाल नेहरू के अनुसार उनका बचपन यहीं इलाहाबाद में ही बीता। राजनीति में सक्रिय होनेवाली इस परिवार में आगे चलकर जन्म हुआ इंदिरा गांधी का।

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उनकी मुलाकात फिरोज़ गांधी से हुई थी तो उस वक्त इलाहाबाद में स्टूडेंट थे। दोनों में अच्छी दोस्ती थी। आगे चलकर दोनों शादी के बंधन में बंध गए। तभी से इंदिरा गांधी अपने नाम के आगे गांधी लगाने लगीं। हालांकि फिरोज़ गांधी अपने नाम के पीछे गांधी क्यों लगाते हैं इसके पीछे भी पहेली है। कई लोगों का कहना है कि आज़ादी के लड़ाई में फिरोज़ गांधी महात्मा गांधी से मिले थे इसलिए वे अपने नाम के पीछे गांधी लगाने लगे। साथ ही कुछ ऐसा भी मानते हैं कि उनके परिवार का सरनेम घांदी था जो आगे चलकर गांधी हो गया। इसके बाद परिवार का सरनेम गांधी ही चलने लगा।

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