"भारतीय संस्कृति में 'जीवेम शरदः शतम्' - आशीर्वाद का अद्भुत महत्व"

"शरद ऋतु के साथ आशीर्वाद: मौसम, स्वास्थ्य, और संस्कृति का अद्वितीय संगम"
भारतीय संस्कृति (Unsplash.com)
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भारतीय संस्कृति को उसकी विविध मान्यताओं और परंपराओं के लिए विश्वभर में माना जाता है। हमें हमेशा से ही अपने वृद्धों का सम्मान करने की परंपरा रही है, और बड़े वृद्ध अक्सर अपने छोटे परिवारजनों को आशीर्वाद देते हैं। बहुत से लोगों ने सुना होगा कि जब हम आशीर्वाद लेते हैं, तो हमारे बड़े वृद्ध अक्सर "जीवेम शरदः शतम्" बोलते हैं। इस वाक्य का मतलब क्या होता है, इसे जानने का प्रयास करें -

भारतीय संस्कृति में विभिन्न मान्यताएं और परंपराएं हैं, जिनमें से प्रत्येक का अपना विशेष महत्व है। इस विविधता के कारण ही भारत को विश्व गुरु के रूप में जाना जाता है। हमारी संस्कृति हमें हमेशा वृद्धों का सम्मान करने और उनकी सेवा करने की शिक्षा देती है। इस प्रकार, हम वृद्धों के आशीर्वाद से न केवल दीर्घायु होते हैं, बल्कि अपने जीवन में सदैव सुखमय रहते हैं।

आपने अक्सर सुना होगा कि आशीर्वाद लेते समय बड़े वृद्ध अक्सर "जीवेम शरदः शतम्" कहते हैं। इस संस्कृत वाक्य का मतलब होता है "आप 100 शरद ऋतुओं तक जीवित रहें"। अधिकांश वृद्ध अपने छोटे परिवारजनों को उनके जन्मदिन पर इसी वाक्य के माध्यम से आशीर्वाद देते हैं। इस लेख के माध्यम से हम इस वाक्य के महत्व को विस्तार से समझेंगे -

इस वाक्य का उल्लेख अथर्ववेद में भी पाया जाता है। यह वाक्य निम्नलिखित पाठ से लिया गया है -

"पश्येम् शरदः शतम् ।। जीवेत शरदः शतम् ।।2।। बुध्येम शरदः शतम् ।।3।। रोहेम शरदः शतम् ।।4।। पूषेम शरदः शतम् ।।5।। भवेम् शरदः शतम् ।।6।। भूयेम शरदः शतम् ।। भूयसिः शरदः शतात्"

इस वाक्य में "शरद" ऋतु, जिसे पतझड़ के मौसम के रूप में जाना जाता है, के लिए महत्वपूर्ण है। यह इसलिए है क्योंकि वर्षा के बाद "शरद" ऋतु आती है, जिसमें मौसम में अत्यधिक नमी होती है।

इस "शरद" ऋतु के दौ

रान, मौसम में बैक्टीरिया और वायरसों की वृद्धि होती है, जिससे मानव शरीर कई बीमारियों का शिकार हो जाता है। इस मौसम के दौरान बुखार, पाचन समस्या, डेंगू, मलेरिया आदि बीमारियां तेजी से फैल सकती हैं। इसलिए, इस मौसम में सुरक्षित रहने के उपायों का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

शरद ऋतु के दौरान बीमारियों के प्राकृतिक प्रकार के कारण इसे "बीमारियों का मौसम" भी कहा जाता है, और इसी कारण हमें इस मौसम में लंबे समय तक जीवित रहने का आशीर्वाद मिलता है।

इस मौसम में, दुर्गा पूजा और दिवाली जैसे कई त्योहार मनाए जाते हैं जो सकारात्मकता को प्रोत्साहित करने के लिए होते हैं।

इस मौसम में सुरक्षित रहने के लिए, स्वच्छता का पालन करें, स्वस्थ आहार खाएं, और पानी का सावधानीपूर्वक उपयोग करें।

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