Dr. Shrikant Jichkar : अक्सर लोग को कहते हुए आपने सुना होगा कि हमारे देश के नेता कम पढ़े लिखे हैं लेकिन हमारे देश में एक नेता ऐसा भी था, जो सबसे ज्यादा पढ़ा लिखा था। महाराष्ट्र में वह एक लोकप्रिय मंत्री रहे हैं लेकिन अब वो हमारे बीच नहीं हैं, उनकी मृत्यु एक सड़क हादसे के दौरान हो गई थी। दरहसल, उनका नाम डॉ श्रीकांत जिचकर था। उन्हें भारत का सबसे पढ़ा-लिखा शख्स भी कहा जाता है। आइए आज हम आपको डॉ श्रीकांत जिचकर से जुड़ी कुछ रोचक बातें बताएंगे। 14 सितंबर 1954 के दिन जिचकर का जन्म हुआ था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एमबीबीएस डॉक्टर के रूप में की। इसके बाद फिर नागपुर से एमडी की। जब वह आईपीएस बने तब उनके पास 20 से ज्यादा डिग्रियां थीं। फिर वो आईएएस में चुने गए, दोनों ही बार उन्होंने इन शानदार नौकरियों को ठुकरा दिया। आईएएस के चार महीने बाद ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया क्योंकि उन्हें चुनाव के मैदान में कूदना था। 1980 में वो महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में विजयी रहे और 26 साल की उम्र में देश के सबसे युवा विधायक बने।लिम्का बुक ने उन्हें देश का सबसे योग्य व्यक्ति बताया था।
श्रीकांत एलएलएम यानी इंटरनेशनल लॉ में पोस्ट ग्रेजुएशन किए। फिर डीबीएम और एमबीए किए। इसके बाद श्रीकांत ने पत्रकारिता की भी पढाई की और बेचलर ऑफ जर्नलिज्म की डिग्री हासिल की। फिर संस्कृत में डीलिट (डॉक्टर ऑफ लिटरेचर) हासिल किए जो किसी भी यूनिवर्सिटी की सबसे उच्च डिग्री होती है। इसके अलावा उन्होंने समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र, इतिहास, अंग्रेजी साहित्य, दर्शन शास्त्र, राजनीति विज्ञान, प्राचीन भारतीय इतिहास, पुरातत्व और मनोविज्ञान में भी एमए किया था। गौरतलब बात ये भी है कि उन्होंने ये सारी डिग्रियां मेरिट में रहकर हासिल की। पढ़ाई के दौरान उन्हें कई बार गोल्ड मेडल मिले। 1973 से लेकर 1990 तक उन्होंने 42 यूनिवर्सिटी एग्जाम दिए।
श्रीकांत को महाराष्ट्र का सबसे ताकतवर मंत्री बनना था। उनके पास उस समय 14 विभाग थे। वहां उन्होंने 1982 से 85 तक काम किया। इसके अलगे साल अर्थात् 1986 में वो महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य बने। फिर 1992 से 1998 के बीच वो राज्यसभा में भी रहे। लेकिन जब 1999 में डॉ. जिचकर राज्यसभा का चुनाव हार गए, इसके बाद वो देश के कई हिस्सों में गए और वहां स्वास्थ्य, शिक्षा और धर्म के बारे में भाषण देते रहे। उन्होंने यूनेस्को में भारत का प्रतिनिधित्व किया। आपको बता दें कि श्रीकांत के पास देश की सबसे बड़ी पर्सनल लाइब्रेरी थी, जिसमें 52000 से ज्यादा किताबें थीं। इसके अलावा भी जिचकर एक अकादमिक, पेंटर, प्रोफेशनल फोटोग्राफर और स्टेज एक्टर थे। 02 जून 2004 के दिन उनकी कार एक बस से टकरा गई। इस हादसे में 49 साल की उम्र में उनका निधन हो गया।