क्या होता है ड्रीम फीडिंग ? यहां पढ़ें ड्रीम फीडिंग से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें

ड्रीम फीडिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें बच्चे को सोते समय दूध पिलाया जाता है। यह तरीका बच्चे को बिना जगाए दूध पिलाने में मदद करता है, जिससे बच्चा शांत और संतुष्ट रहता है।
Dream Feeding : ड्रीम फीडिंग बच्चे को आवश्यक पोषण के साथ- साथ सुरक्षा और शांति भी प्रदान करता है। (Wikimedia Commons)
Dream Feeding : ड्रीम फीडिंग बच्चे को आवश्यक पोषण के साथ- साथ सुरक्षा और शांति भी प्रदान करता है। (Wikimedia Commons)

Dream Feeding : नवजात शिशुओं की देखभाल चुनौतीपूर्ण होने के साथ - साथ एक अनोखा अनुभव भी होता है। मां और बच्चे के बीच का यह रिश्ता बहुत ही अनमोल होता है। माता- पिता बच्चे की हर जरूरत को पूरा करने की कोशिश में हर संभव प्रयास करते हैं। ड्रीम फीडिंग इसी प्रयास का एक हिस्सा है, जो बच्चे को आवश्यक पोषण के साथ- साथ सुरक्षा और शांति भी प्रदान करता है। तो आइए ड्रीम फीडिंग के बारे में कुछ जरूरी बातें।

क्या है ड्रीम फीडिंग

ड्रीम फीडिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें बच्चे को सोते समय दूध पिलाया जाता है। यह तरीका बच्चे को बिना जगाए दूध पिलाने में मदद करता है, जिससे बच्चा शांत और संतुष्ट रहता है। यह प्रक्रिया नवजात शिशुओं के लिए फायदेमंद होता है जो अक्सर जागते हैं और दूध पीने के लिए रोते हैं।

ड्रीम फीडिंग के कई फायदे

ड्रीम फीडिंग से बच्चा बिना जगे दूध पी लेता है, जिससे वह शांत और संतुष्ट रहता है। यह मां को भी आराम देता है। ड्रीम फीडिंग से बच्चे को पर्याप्त दूध मिलता है, जिससे उसका वजन सही ढंग से बढ़ता है। ड्रीम फीडिंग से मां को रात में बार-बार जागने की जरूरत नहीं पड़ती, जिससे उसे पर्याप्त नींद मिलती है।मां और बच्चे के बीच का बंधन मजबूत होता है, क्योंकि मां बच्चे की जरूरतों को समझती है।

ड्रीम फीडिंग से बच्चे को पर्याप्त दूध मिलता है, जिससे उसका वजन सही ढंग से बढ़ता है। (Wikimedia Commons)
ड्रीम फीडिंग से बच्चे को पर्याप्त दूध मिलता है, जिससे उसका वजन सही ढंग से बढ़ता है। (Wikimedia Commons)

कैसे किया जाता है ड्रीम फीडिंग

बच्चे को सोते समय ही दूध पिलाएं। जब बच्चा सो रहा हो, तब ही उसे धीरे-धीरे दूध पिलाएं। बच्चे को जगाने की कोशिश न करें। बच्चे को आरामदायक स्थिति में रखें, ताकि वह दूध पीते समय शांत रहे। फिर धीरे-धीरे दूध पिलाएं, ताकि बच्चा बिना जगाए दूध पी सके। बच्चे की प्रतिक्रिया पर ध्यान दें। अगर बच्चा दूध पीने के बाद भी रो रहा है, तो उसे जगाकर दूध पिलाएं।

ड्रीम फीडिंग के नुकसान

अगर बच्चे को बार-बार सोते समय दूध पिलाया जाता है, तो उसे दूध पीने की आदत लग सकती है। यह बच्चे के लिए हानिकारक भी हो सकता है। ऐसे में यदि बच्चा बार-बार दूध पीने के लिए जागता है, तो मां को नींद की कमी हो सकती है।

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