झारखंड में खुलेगी पूर्वी भारत की पहली ट्राइबल यूनीवर्सिटी

झारखंड में पूर्वी भारत की पहली ट्राइबल यूनिवर्सिटी खुलेगी। झारखंड विधानसभा ने इससे जुड़े विधेयक को पारित कर दिया।
झारखंड में खुलेगी पूर्वी भारत की पहली ट्राइबल यूनीवर्सिटी
झारखंड में खुलेगी पूर्वी भारत की पहली ट्राइबल यूनीवर्सिटीJharkhand Assembly (IANS)

झारखंड में पूर्वी भारत की पहली ट्राइबल यूनिवर्सिटी खुलेगी। झारखंड विधानसभा ने बुधवार को इससे जुड़े विधेयक को पारित कर दिया। सनद रहे कि इस यूनिवर्सिटी की स्थापना से जुड़ा एक विधेयक बीते वर्ष शीत सत्र के दौरान भी पारित किया गया था, लेकिन इसके हिंदी और अंग्रेजी प्रारूप में भारी अंतर की वजह से राज्यपाल ने उसपर मंजूरी नहीं दी थी। अब नये सिरे से तैयार विधेयक राज्य के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रभारी मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने सदन में पेश किया। कुछ सदस्यों ने इस विधेयक में संशोधन की जरूरत बताते हुए इसे प्रवर समिति को भेजने की मांग की। इसपर मंत्री ने कहा कि विधेयक को भलीभांति समीक्षा और कार्मिक और विधि विभाग से सहमति लेने के बाद पेश किया गया है। यह विधेयक राज्य की गरीब, दलित, आदिवासी वर्ग के हित में लाया जा रहा है। मंत्री के जवाब के बाद सदन ने इसे पारित कर दिया।

प्रस्तावित यूनिवर्सिटी का नाम पंडित रघुनाथ मुर्मू जनजातीय विश्वविद्यालय होगा। पंडित मुर्मू को जनजातीय संताली भाषा का सबसे बड़ा संवर्धक माना जाता है। उन्होंने 'ओलचिकी' का आविष्कार किया। संताली भाषा की ज्यादातर कृतियों और साहित्य की रचना इसी लिपि में की गयी है। उन्हें मयूरभंज आदिवासी महासभा ने उन्हें गुरु गोमके (महान शिक्षक) की उपाधि प्रदान की थी। यह विश्वविद्यालय उनकी स्मृतियों को समर्पित होगा। कुछ माह पहले हुए झारखंड की जनजातीय सलाहकार परिषद की बैठक में भी जनजातीय विश्वविद्यालय खोलने पर सहमति बनी थी। इसे धरातल पर उतारने के लिए सरकार ने बुधवार को विधेयक पारित कराया।

यह यूनिवर्सिटी जमशेदपुर के गालूडीह और घाटशिला के बीच स्थापित होगी। सरकार ने इसके लिए 20 एकड़ जमीन भी चिह्न्ति कर ली है। विधेयक पर चर्चा के दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि इसके माध्यम से जनजातीय भाषाओं और आदिवासी समुदाय की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा को सहेजने, उन पर शोध करने तथा आदिवासी समाज के मेधावी विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया जायेगा।

झारखंड में खुलेगी पूर्वी भारत की पहली ट्राइबल यूनीवर्सिटी
इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने ज्योतिषशास्त्र और अनुष्ठानों के पाठ्यक्रम किए शुरू

बता दें कि 2011 की जनगणना के मुताबिक झारखंड में जनजातीय समुदाय की आबादी 26 प्रतिशत से अधिक है। जनजातीय समुदाय की अपनी भाषा-लिपि है। इसमें संताली, खोरठा, कुरमाली आदि प्रमुख हैं। झारखंड से सटे राज्यों बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और बिहार में भी जनाजातीय समुदाय की आबादी है। ट्राइबल यूनिवर्सिटी के लिए जो जगह चिह्न्ति की गयी है, वह राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे है। विश्वविद्यालय का निर्माण होने से पड़ोसी राज्यों के विद्यार्थी भी लाभान्वित होंगे। फिलहाल बंगाल में कोई जनजातीय विश्वविद्यालय नहीं है, वहीं ओडिशा में एक निजी जनजातीय विश्वविद्यालय है।

(आईएएनएस/AV)

Related Stories

No stories found.
logo
hindi.newsgram.com