प्रत्येक वर्ष 17 नवंबर को दुनिया के छात्रों को समर्पित होता हैं यानी कि इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस (International Student Day) के रुप में मनाया जाता है। यूं तो इस दिन हजारों छात्र कई कार्यक्रमों में उत्साह के साथ हिस्सा लेते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन के साथ एक बेहद दुखद घटना जुड़ी हुई है। आज के इस लेख में हम आपको उसी घटना के बारे में बताएंगे।
यह घटना 28 अक्टूबर 1939 की है। उस वक्त चेकोस्लोवाकिया (Czechoslovakia) के एक हिस्से पर नाजियों का कब्जा हुआ करता था और वहां की राजधानी प्राग में छात्रों और शिक्षकों ने देश की स्थापना की वर्षगांठ के अवसर पर एक प्रदर्शन का आयोजन किया हुआ था।
अचानक से प्रदर्शनकारियों पर नाजियों द्वारा गोलियां चलाई जाने लगी भगदड़ में एक मेडिकल (Medical) का छात्र मारा गया और जब छात्र का अंतिम संस्कार हो रहा था उस वक्त भी प्रदर्शन किया गया जिसके परिणाम स्वरूप प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया और फिर 17 नवंबर 1939 को छात्रों के हॉस्टल में नाजी सैनिक घुस गए। उन सैनिकों ने लगभग 1200 से अधिक छात्रों को गिरफ्तार कर 9 छात्रों को यातना शिविर भेज दिया और बाद में उन छात्रों को फांसी दे दी गई। चेकोस्लोवाकिया के सभी कॉलेज और यूनिवर्सिटी सैनिकों की इस घटना के बाद बंद करा दिए गए लेकिन उस समय उन छात्रों ने जो साहस दिखाया उस घटना को भुलाने से भी नहीं भूला जाता।
1941 में इस घटना के 2 साल बाद लंदन (London) में एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया और यह सम्मेलन उन छात्रों के द्वारा किया गया जो फासीवाद के खिलाफ लड़ाई लड़े थे इसी सम्मेलन में यह फैसला लिया गया था जिन छात्रों को नाजियों ने शहीद कर दिया है उन छात्रों की याद भी आगे से हर साल 17 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
दुनिया भर की यूनिवर्सिटीज में इस दिन अलग-अलग कार्यक्रम किए जाते हैं। कहीं पर सांस्कृतिक बहुलता और विविधता के प्रदर्शन किए जाते हैं तो कुछ यूनिवर्सिटीज छात्रों के लिए खास गतिविधियों का आयोजन करती हैं। यूनिवर्सिटी के अलावा छात्र संगठन भी कई कार्यक्रम का आयोजन करते हैं और सोशल मीडिया पर का संदेश फैलाते हैं।
PT