देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में साइबर सिक्योरिटी (Cyber Security) को लेकर खास पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि अंडर ग्रेजुएट (UG) और पोस्ट ग्रेजुएट (PG) दोनों स्तर पर साइबर सिक्योरिटी में विशेषज्ञता प्रदान करने वाले यह पाठ्यक्रम शुरू किए जा रहे हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की पहल पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी (UGC) ने उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए यह पाठ्यक्रम शुरू किए हैं। यूजीसी का मानना है कि 'साइबर सुरक्षा पाठ्यक्रम' साइबर अपराध की रोकथाम में मदद करेगा और साथ ही यह समाज में 'साइबर स्वच्छता' को अपनाने में भी वृद्धि करेगा।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (University Grants Commission) (यूजीसी) के अध्यक्ष प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार ने 6 अक्टूबर को स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर साइबर सुरक्षा पाठ्यक्रम का प्ले बस जारी किया है जो सभी विश्वविद्यालयों के लिए मान्य है।
यूजीसी चेयरमैन प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने बताया कि इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य अधिक जागरूक, उत्तरदायी और जिम्मेदार डिजिटल नागरिक बनाना है, जिससे एक समग्र स्वस्थ साइबर में सुरक्षा मुद्रा और पारिस्थितिकी तंत्र में प्रभावी रूप से योगदान दिया जा सके।
यूजीसी चेयरमैन ने इस विषय पर अधिक जानकारी देते हुए बताया कि यूजी और पीजी स्तर पर इन पाठ्यक्रमों की कक्षा में साइबर सिक्योरिटी के एक्सपोर्ट्स को पढ़ाने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। उच्च शिक्षा संस्थानं में (एचईआईएस) साइबर सुरक्षा, कंप्यूटर, आईटी योग्य संकाय या उद्योग, विषय विशेषज्ञों के विशेषज्ञों को व्याख्यान, व्यावहारिक और ट्यूटोरियल लेने के लिए आमंत्रित कर सकते हैं।
दीपक विरमानी, उप सचिव, भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (14सी), गृह मंत्रालय और उनकी टीम ने साइबर अपराध की रोकथाम और साइबर स्वच्छता को अपनाने पर एक प्रस्तुति दी। प्रेजेंटेशन में डिजिटल पर्सनल फाइनेंस, सोशल मीडिया के माइंडफुल यूज, संभावित फ्यूचरिस्टिक साइबर अटैक, साइबर हाइजीन, सिक्योरिंग डिजिटल पर्सनल फाइनेंस, ईमेल सिक्योरिटी, मोबाइल और इंटरनेट सिक्योरिटी और कंप्यूटर सिक्योरिटी के विषयों पर प्रकाश डाला गया। इसके बाद प्रतिभागियों के साथ एक इंटरैक्टिव प्रश्न और उत्तर सत्र का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में देश भर के उच्च शिक्षण संस्थानों के कुलपतियों, प्राचार्यों, संकाय सदस्यों और छात्रों ने भाग लिया।
इस कार्यक्रम का यूजीसी के सोशल मीडिया हैंडल पर सीधा प्रसारण किया गया। यूजीसी के वाइस चेयरमैन प्रो. दीपक कुमार श्रीवास्तव ने अपनी समापन टिप्पणी में उल्लेख किया कि साइबर हमलों के खिलाफ सुरक्षा के लिए साइबर जागरूकता पैदा करना और हमारे इंटरनेट उपयोगकतार्ओं को संवेदनशील बनाना वर्तमान समय में बहुत आवश्यक है। उन्होंने आगे भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (14सी) टीम और उन सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया जो वस्तुत इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे। सचिव, यूजीसी साइबर जागरुकता दिवस-2022 के हिस्से के रूप में शामिल हुए।
(आईएएनएस/HS)