Who is Physics Wallah Co-founder Alakh Pandey: जब से नीट परीक्षा का चौकाने वाला रिजल्ट सामने आया है इसके बाद से ही नीट परीक्षा रिजल्ट पर विवाद शुरू हो गया है। इसी विवादों के बीच फिजिक्सवाला के को फाउंडर अलख पांडेय की खूब चर्चा हो रही है। अलख पांडेय उन कई याचिकाकर्ताओं में शामिल हैं, जिन्होंने नीट यूजी 2024 परीक्षा में कम से कम 1563 छात्रों को ग्रेस अंक दिए जाने के खिलाफ शीर्ष अदालत का सहारा लिया। आपको बता दें साल 2020 में अलख पांडे ने सभी छात्रों को कम बजट में क्वालिटी एजुकेशन देने के लिए फिजिक्स वाला की नींव रखी थी और देखते ही देखते यह कोचिंग प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले उम्मीदवीरों के बीच एक नामी कोचिंग बन गई।
अलख का बचपन आर्थिक तंगी में बीता था। उनके पिता एक कंस्ट्रक्शन ठेकेदार हुआ करते थे, लेकिन कारोबार में उन्हें लगातार घाटा हो रहा था। जब अलख तीसरी क्लास में थे तब प्रयागराज के साउथ मलाका इलाके के घर का आधा हिस्सा बिक चुका था। छठी क्लास तक आते-आते उनका पूरा घर बिक गया। उस दौर को याद करते हुए अलख जी कहते हैं, 'हम लोगों की आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि आठवीं में पढ़ते हुए मैं पांचवीं तक के बच्चों को ट्यूशन पढ़ा रहा था। मेरी मां एक प्राइवेट स्कूल में टीचर थीं। बहन भी ट्यूशन पढ़ा रही थीं। इस तरह हम सब घर का खर्चा चलाने के लिए कुछ न कुछ कर रहे थे।'
अलख पढ़ाई में शुरू से ही अच्छे थे लेकिन उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। उनके पिता को अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए अपना घर तक बेचना पड़ा था। अलख पांडे की शुरुआती पढ़ाई प्रयागराज के विशप जॉनसन स्कूल से हुई थी। उन्हें हाईस्कूल में 91% और 12वीं में 93.5% नंबर मिले। 12वीं कक्षा के बाद ही अलख पांडे ने बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया था, उस समय उन्हें ट्यूशन पढ़ाने के तीन हजार रुपये मिला करते थे।
अलख पांडेय को भी कोई अंदाजा नहीं था कि इतने कम समय में उनकी फिजिक्स वाला कोचिंग एक यूनिकॉर्न कंपनी बन जाएगी। फिजिक्सवाला कंपनी देश की 101वीं यूनिकॉर्न कंपनियों में शामिल हो चुकी है। अलख पांडेय की कंपनी में वेस्टब्रिज और जीएसवी वेंचर्स ने 100 मिलियन डॉलर का निवेश किया है। आपको बता दें अनअकेडमी से अलख पांडेय को पूरे 4 करोड़ का ऑफर आया था, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया था। इसके अलावा वे टीचर के लिए 7.5 करोड़ के ऑफर को भी ठुकरा चुके हैं। उन्होंने बताया कि इस सफलता के पीछे उनके पिता और अपने सहयोगी प्रतीक महेश्वरी का भी बराबर का योगदान हैं।