दुनियाभर में मंगलवार 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) मनाया जा रहा है। वहीं एनईपी 2020 (NEP 2020) में भी योग शिक्षा को महत्व दिया गया है। इसी को देखते हुए अब केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय (Ministry of Education) देशभर के स्कूलों में योग को एक अनिवार्य विषय के रूप में शिक्षा से जोड़ने जा रहा है।
International Yoga Day के अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने कहा कि बालवाटिका से लेकर कक्षा 12वीं तक योग को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने की तैयारी हो रही है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने बताया कि स्कूली छात्रों के लिए योग वैकल्पिक नहीं बल्कि अनिवार्य विषय के तौर पर शामिल किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री का कहना है कि योग को दैनिक जीवन का हिस्सा बनाने के लिए जरूरी है कि हमारे विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों में योग पर शोध और चर्चाएं लगातार चलती रहें।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने 'Yoga For Humanity' जैसी थीम सार्वजनिक योग कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इसके उपरांत उन्होंने कहा आज के तनावपूर्ण और भागदौर भरी जिंदगी में योग फॉर हूम्यूनिटी जैसी थीम और भी अधिक प्रासंगिक है। आज योग ही है जो मानवता को स्वस्थ और निरोग जीवन का विश्वास दे रहा है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता जाहिर की कि हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय योग को अपने पाठ्यक्रम का हिस्सा बना रहा है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि योग जैसी हमारी सांस्कृतिक धरोहर को विश्व कल्याण का माध्यम बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार और योग फॉर हूम्यूनिटी थीम को सम्पूर्ण मानवता तक पहुंचाने के लिए United Nations को धन्यवाद देता हूं। योग, स्वास्थ्य और वेलनेस के लिए एक वैज्ञानिक पद्धति है।
इससे पहले केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने हिमाचल प्रदेश के मंडी केंद्रीय विद्यालय संधोल के विद्यालय भवन का शिलान्यास एवं नवस्थापित केंद्रीय विद्यालय धर्मपुर का डिजिटल माध्यम से शुभारंभ किया। शिक्षा मंत्रालय ने उम्मीद जताई है कि यह केंद्रीय विद्यालय क्षेत्र के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के अधिक अवसरों से जोड़ पाएंगे।
मंत्रालय के मुताबिक नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत प्रयास है कि 3 से 23 साल की आयु के शत प्रतिशत युवाओं को शिक्षा और कौशल विकास के उपक्रमों से जोड़ा जाए।
वहीं अग्निपथ योजना पर अपने विचार प्रकट करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि अग्निपथ योजना राष्ट्र, सेना और हमारे नौजवानों सभी के लिए फायदेमंद है। 4 साल की सेवा के बाद अग्निवीरों को नौकरी के नए अवसरों से जोड़ने और उनके उज्जवल भविष्य के लिए केंद्र सरकार, राज्य सरकारें और उद्योग जगत साथ काम कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के मुताबिक अग्निवीर समाज की ताकत बनेंगे। 4 साल की सेवा के बाद अग्निवीरों को विभिन्न सेवाओं में वरीयता देकर उनके अधिक उज्जवल भविष्य का रोडमैप भी सरकार के पास पहले से तय है। Agneepath Scheme सच्चे अर्थों में सशक्त युवा व आत्मनिर्भर भारत की ओर एक महत्वपूर्ण पहल है।
(आईएएनएस/PS)