जानिए कौन हैं लॉटरी किंग मार्टिन सेंटियागो, जिन्होंने दिया सबसे ज्यादा चुनावी चंदा

सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय की गई समय-सीमा से एक दिन पहले ही चुनाव आयोग ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से मिला इलेक्टोरल बॉन्ड अर्थात् चुनावी चंदा का डेटा अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है
Electoral Bonds:इस लिस्ट में लॉटरी किंग मार्टिन सेंटियागो ने सबसे ज्यादा 1368 करोड़ का चंदा दिया है।(Wikimedia Commons)
Electoral Bonds:इस लिस्ट में लॉटरी किंग मार्टिन सेंटियागो ने सबसे ज्यादा 1368 करोड़ का चंदा दिया है।(Wikimedia Commons)
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Electoral Bonds: सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय की गई समय-सीमा से एक दिन पहले ही चुनाव आयोग ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से मिला इलेक्टोरल बॉन्ड अर्थात् चुनावी चंदा का डेटा अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। ये डेटा जैसे ही सार्वजनिक हुई वैसे ही सबसे ज्यादा चंदा देने वाली कंपनियों के नाम सामने आ गए हैं। चुनावी चंदे के आंकड़े 12 अप्रैल 2019 से 11 जनवरी 2024 तक के हैं। इस लिस्ट में लॉटरी किंग मार्टिन सेंटियागो ने सबसे ज्यादा 1368 करोड़ का चंदा दिया है। आपको बता दें कि इनकी कंपनी फ्यूचर गेमिंग एंड होटल्स सर्विसेज ने ये बॉन्ड 21 अक्टूबर 2020 से जनवरी 2024 के बीच खरीदे हैं।

कौन हैं लॉटरी किंग मार्टिन सेंटियागो

शुरुआती दौर में मार्टिन म्यांमार के यांगून शहर में मजदूरी करते थें। मजदूरी करके उन्हें जो पैसा मिलता था, उससे वो अपने परिवार का भरण-पोषण करते थें। इसके बाद वो इंडिया वापस आए और यहां आकर साल 1988 में उन्होंने तमिलनाडु में अपना लॉटरी का बिजनेस शुरू किया। कोयंबटूर में रहते हुए उन्होंने धीरे-धीरे कर्नाटक और केरल की ओर विस्तार किया। बाद में वे सिक्किम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, पंजाब और महाराष्ट्र में भी काम करने की अनुमति हासिल कर ली।

मार्टिन की कंपनी के खिलाफ लॉटरी रेगुलेशन एक्ट 1998 के तहत आईपीसी के तहत कई केस दर्ज हैं। (Wikimedia Commons)
मार्टिन की कंपनी के खिलाफ लॉटरी रेगुलेशन एक्ट 1998 के तहत आईपीसी के तहत कई केस दर्ज हैं। (Wikimedia Commons)

इस लॉटरी के बिजनेस से उन्हें अपार धन प्राप्त हुआ और वे धीरे - धीरे एक प्रभावशाली शख्स बन गए। आपको बता दें कि मार्टिन की कंपनी के खिलाफ लॉटरी रेगुलेशन एक्ट 1998 के तहत आईपीसी के तहत कई केस दर्ज हैं। फ्यूचर गेमिंग एंड होटल्स सर्विसेज के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने भी 23 सितंबर 2023 को कोर्ट में चार्जशीट भी दायर की थी।

सबसे ज्यादा चंदा देने वाली 10 कंपनियां

सबसे पहली फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज जिन्होंने ₹1,368 करोड़ रूपए दिए। दुसरे नंबर पर मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ₹ 966 करोड़, तीसरे नंबर पर क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड ₹410 करोड़, चौथे नंबर पर वेदांता लिमिटेड ₹400 करोड़, पांचवे नंबर पर हल्दिया एनर्जी लिमिटेड ₹377 करोड़, छठवें नंबर पर भारती ग्रुप ₹ 247 करोड़, सतवें नंबर पर एस्सेल माइनिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड ₹ 224 करोड़, आठवें नंबर पर वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड ₹ 220 करोड़, नवें नंबर पर केवेंटर फूड पार्क इंफ्रा लिमिटेड ₹195 करोड़ तथा दसवें नंबर पर मदनलाल लिमिटेड ₹185 करोड़ रुपए में चुनावी बॉन्ड खरीदें।

इसके अलावा अन्य बड़ी कंपनियों में ग्रासिम इंडस्ट्रीज, टोरेंट पावर, भारती एयरटेल, डीएलएफ कमर्शियल डेवलपर्स, अपोलो टायर्स, लक्ष्मी मित्तल, एडलवाइस, पीवीआर, सुला वाइन, वेलस्पन, सन फार्मा, आईटीसी, महिंद्रा एंड महिंद्रा, डीएलएफ, पीवीआर, बिड़ला, बजाज, जिंदल, स्पाइसजेट, इंडिगो और गोयनका आदि शामिल हैं।

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