Electromagnetic Bomb: गाजा में चल रहे युद्ध के कारण इजरायल और उसके पड़ोसी दुश्मनों के बीच तनाव और भी गहरा होता जा रहा है। ऐसे में यदि ईरान ने हमला शुरू किया तो इज़राइल संभावित रूप से उस पर घातक इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स बम छोड़ सकता है, जिससे तीसरे विश्व युद्ध की आशंका बढ़ जाएगी। इजरायली खुफिया एजेंसियों द्वारा पता चला है कि ईरान लंबी दूरी की मिसाइलें और ड्रोन के जरिए इजरायल को निशाना बना सकता है। इस डर से इजरायल के कई महत्वपूर्ण इलाकों में जीपीए सर्विस को ब्लॉक कर दिया गया है।
लंदन में छपने वाला द संडे टाइम्स ने रविवार को बताया कि इजरायल सैन्य संघर्ष की स्थिति में विशेष रूप से डिजाइन किए गए इलेक्ट्रोमैग्नेटिक बम से ईरान के इलेक्ट्रिक नेटवर्क को नष्ट कर सकता है। अमेरिकी विशेषज्ञ का कहना है कि इस प्रकार के एक इलेक्ट्रोमैग्नेटिक बम को जमीन के ऊपर विस्फोटित करने से एक इलेक्ट्रो मैग्नेटिक पल्स पैदा होगी, इस तरह का बम गामा किरणों को फैलाता है, जो जमीन पर काम करने वाले सभी तकनीकी उपकरणों को नष्ट कर देगी।
इलेक्ट्रोमैग्नेटिक बम को ई-बम का नाम भी दिया गया है। यह एक ऐसा हथियार है जो ऊर्जा की एक पल्स बनाने के लिए एक तीव्र विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र का उपयोग करता है। यह बम इंसानों तथा इमारतों को बिना नुकसान पहुंचाए ही इलेक्ट्रॉनिक सर्किटरी को प्रभावित करता है। यह केवल इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम को नष्ट कर देता है। इसके अलावा कंप्यूटर और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक सिस्टमों को अक्षम बना देता है। ऐसे में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक बम कंप्यूटर, रेडियो और वाहनों में इग्निशन सिस्टम सहित बिजली का उपयोग करने वाली किसी भी प्रकार की मशीन को बाधित कर देता है।
इलेक्ट्रोमैग्नेटिक बम इंसानों के लिए नुकसानदायक नहीं होता है। यह बम केवल बिजली पर निर्भर किसी भी उपकरण को तबाह कर देगा। सीबीएस न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, संयुक्त राज्य अमेरिका ने इराकी सैटेलाइट टेलीविजन को नष्ट करने और प्रसारण को बाधित करने के लिए 24 मार्च 2003 को एक प्रायोगिक ई-बम तैनात किया था। अधिकांश ई-बम अनुसंधान न्यू मैक्सिको में किर्टलैंड वायु सेना बेस में वायु सेना अनुसंधान प्रयोगशाला में किया गया है, जहां शोधकर्ता उच्च शक्ति माइक्रोवेव के उपयोग की खोज कर रहे हैं।