वैज्ञानिकों ने की ‘मेगाबेड’ की खोज, क्या है यह विनाशकारी घटनाओं का प्रमाण?

यह मेगाबेड्स कई हजार सालों से ज्वालामुखी विस्फोट जैसी विनाशकारी प्रकृति की घटनाओं की वजह से समुद्री घाटियों या तलों पर जमे पदार्थों का परिणाम है।
मेगाबेड:- वैज्ञानिकों ने भूमध्य सागर के तल पर हजारों साल पुरानी ज्वालामुखी विस्फोटों से बने मेगा बेड की खोज की है। [Wikimedia Commons]
मेगाबेड:- वैज्ञानिकों ने भूमध्य सागर के तल पर हजारों साल पुरानी ज्वालामुखी विस्फोटों से बने मेगा बेड की खोज की है। [Wikimedia Commons]
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वैज्ञानिकों ने भूमध्य सागर के तल पर हजारों साल पुरानी ज्वालामुखी विस्फोटों से बने मेगा बेड की खोज की है। यह मेगा बेड इन क्षेत्रों में करीबन 40000 हजार सालों के अंतराल पर पिछले कई हजार सालों से आ रहे विनाशकारी घटनाओं के प्रमाण दिखाते हैं। तो चलिए इन मेगाबेड से जुड़ी आपको पूरी जानकारी देते हैं।

क्या होते है मेगाबेड्स?

यह मेगाबेड्स कई हजार सालों से ज्वालामुखी विस्फोट जैसी विनाशकारी प्रकृति की घटनाओं की वजह से समुद्री घाटियों या तलों पर जमे पदार्थों का परिणाम है। यह मेगाबेड्स शोध कर्ताओं को टायर्रेनियन सागर के तल में ज्वालामुखी के करीब सेडिमेंट्स की जांच करते समय मिला। आपको बता दें की टायरेनियन सागर इटली के पश्चिमी तट पर भूमध्य सागर का ही भाग है।

मेगाबेड के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं थी लेकिन अभी हाल ही के एक जर्नल जियोलॉजी में एक नया शोध प्रकाशित हुआ[Wikimedia Commons]
मेगाबेड के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं थी लेकिन अभी हाल ही के एक जर्नल जियोलॉजी में एक नया शोध प्रकाशित हुआ[Wikimedia Commons]

इससे पहले भी वैज्ञानिकों को टायर्रेनियन सागर के तल छत से ज्वालामुखी जमाव का पता चला था, तब उन्होंने यह बात सबके सामने लाई थी कि समुद्र के नीचे कुछ रहस्यमई चीज छुपी हुई है। उस वक्त मेगाबेड के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं थी लेकिन अभी हाल ही के एक जर्नल जियोलॉजी में एक नया शोध प्रकाशित हुआ जिसमें इसके हाई रेजोल्यूशन वाली तस्वीर दिखाई दी।

शोध से क्या जानकारी मिली?

जियोलॉजी जनरल में प्रकाशित शोध के अनुसार शोधकर्ताओं की टीम ने मेगाबेड के स्रोत का पता लगाने के लिए पहले से ज्ञात ज्वालामुखी क्षेत्र का अध्ययन किया।

जिस क्षेत्र में बिस्तरों का निर्माण हुआ है वह ज्वालामुखी रूप से काफी सक्रिय है[Wikimedia Commons]
जिस क्षेत्र में बिस्तरों का निर्माण हुआ है वह ज्वालामुखी रूप से काफी सक्रिय है[Wikimedia Commons]

जिस क्षेत्र में बिस्तरों का निर्माण हुआ है वह ज्वालामुखी रूप से काफी सक्रिय है और इसमें कैंपी फ्लेग्रे सुपरवोल्केनो भी शामिल है, जो हाल ही में विस्फोट हुआ था। इस विस्फोट के बाद 4 मेगाबेल्ट्स की एक श्रृंखला बन गई थी इसमें प्रत्येक की मोटाई 33 और 82 फीट के बीच थीं। इनकी एक और विशेषता थी कि प्रत्येक तलछठ की परतें अलग-अलग थी, सभी की परते अलग-अलग मटेरियल से बने हुए थे। जियोलॉजी जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार सबसे पुरानी परत लगभग 40000 साल पुरानी थी इसके बाद वाली परत 32000 साल पुरानी और तीसरी 18000 साल पुरानी थी। वही सबसे युवा डालचट कर का निर्माण लगभग 8000 वर्ष पहले हुआ था।

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