विश्व की सबसे ‘जहरीली हवा’ एशिया की

Air pollution by brick factories(Wikimedia Commons)
Air pollution by brick factories(Wikimedia Commons)
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पूर्वी और दक्षिणी एशिया(Asia) के शहरों में रहने वाले कई लाख निवासियों को सीने में जकड़न, गले में खराश और आँखों में चुभन जैसी शारीरिक समस्याएँ बार-बार हो रहीं हैं, तो ये आश्चर्यजनक नहीं है। पूर्वी और दक्षिणी एशिया के इन शहरों में गत वर्ष में वायु प्रदूषण(Air Pollution) के उच्चतम स्तर को रिकार्ड किया गया था।

वास्तविक समय वायु गुणवत्ता सूचना मंच का संचालन करने वाली स्विट्जरलैंड की एक कंपनी आईक्यूएयर(IQAir) नें अपने रिपोर्ट में बताया कि, "पूर्वी एशिया, दक्षिणी पूर्वी एशिया और दक्षिणी एशिया के देशों और क्षेत्रों में जनसंख्या को उच्चतम वार्षिक औसत PM2.5 सांद्रता का सामना करना पड़ा।"

PM2.5, 2.5 माइक्रोन(मीटर का दस लाखवां भाग ) तक का या उससे कम का एक वायुमंडलीय कण है, जो मानव फेफड़ों में प्रवेश कर सीधे रक्तप्रवाह में प्रवेश कर सकता है।

आईक्यूएयर नॉर्थ अमेरिका(IQAir North America) के एक प्रमुख अधिकारी ग्लोरी डॉल्फिन हैम्स नें बताया कि, "पीएम2.5 वास्तव में किसी भी अन्य वायु गुणवत्ता प्रदूषक की तुलना में अधिक लोगों को मारता है।"

कम्पनी के आंकड़ों के अनुसार बांग्लादेश(Bangladesh) सबसे ज्यादा खराब PM2.5 वायु प्रदूषण होने वाला देश है, जबकि भारत(India) की राजधानी दिल्ली(Delhi), खराब हवा की सूची में सबसे नीचे है।

भारत(India), पाकिस्तान(Pakistan), तजाकिस्तान(Tajikistan) और चाड(Chad), वायु गुणवत्ता के मामले में ये पांचो देश सबसे ज्यादा खराब स्थिति में हैं। ढ़ाका-बांग्लादेश, अन जामेना-चाड, दुशांबे-तजाकिस्तान और मस्कट-ओमान ये वो एशिया के राजधानी शहर है जिन्हें प्रदूषित शहरों का दर्जा दिया गया है।

स्वच्छ और ताजी हवा के लिए दक्षिण-पश्चिम प्रशांत महासागर के, न्यू कैलेडोनिया के राजधानी नौमिया की हवा शीर्ष स्थान पर है।

कैरिबियन में यूएस वर्जिन आइलैंड्स और प्यूर्टो रिको और अफ्रीका के तट से दूर अटलांटिक में केप वर्डे ये वो अन्य स्थान है जहां की हवा स्वच्छ और ताजी है।

डॉल्फिन हैम्स ने वीओए को बताया कि, "हमने तीन कम प्रतिनिधित्व वाले क्षेत्रों की पहचान की है – अफ्रीका, मध्य पूर्व और दक्षिण अमेरिका।" अब जब निगरानी पर्याप्त स्तर पर है, "दो देश (चाड और तजाकिस्तान) हैं जो सबसे प्रदूषित देशों में से हैं जो पिछले साल हमारी रिपोर्ट में नहीं थे।"

विकसित देशों में आमतौर पर विकासशील देशों की तुलना में वायु गुणवत्ता मॉनिटर का घनत्व अधिक पाया जाता है। विकासशील दुनिया के देशों के कुछ हिस्सों में पर्याप्त निगरानी का अभाव है।

जब कोविड महामारी(Covid-19) के कारण लॉकडाउन(Lockdown) लगा था तब परिवहन कम होने से वायु प्रदूषण कम हो गया था, लेकिन 2021 में, वायु प्रदूषण का स्तर पिछले वर्ष की तुलना में बढ़ गया।

डॉल्फिन हैम्स ने कहा कि, जंगलों में लगने वाली आग(Wildfire) भी पिछले साल वायु प्रदूषण में वृद्धि का एक कारण थी।

वायु प्रदूषण में वृद्धि के लिए एक और कारण जंगल में लगने वाली आग भी है(Wikimedia Commons)
वायु प्रदूषण में वृद्धि के लिए एक और कारण जंगल में लगने वाली आग भी है(Wikimedia Commons)

डॉल्फिन हैम्स ने वीओए से बात करते हुए बताया कि, "वायु प्रदूषण निश्चित रूप से जलवायु कारक सूत्र का एक हिस्सा है। उस सूत्र के हिस्से के रूप में PM2.5 वास्तव में कितना महत्वपूर्ण है? मेरा मानना ​​​​है कि यह बहस का विषय है।"

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पिछले सितंबर में अनुशंसित वार्षिक PM2.5 की सीमा को 10 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से घटाकर 5 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर कर दिया, यह कहते हुए कि इस कमी से लाखों मौतों को रोका जा सकेगा।

रॉयटर्स के अनुसार, वैज्ञानिकों ने इस नए दिशानिर्देशों की सराहना की, लेकिन चिंतित भी हैं कि कुछ देशों को इन दिशानिर्देशों को लागू करने में परेशानी होगी, यह देखते हुए कि दुनिया के अधिकांश हिस्से पुराने और इससे कम कड़े मानकों को पूरा करने में विफल हो रहा था।

ग्रीनपीस पर्यावरण समूह के अनुसार, वायु प्रदूषण भी एक महत्वपूर्ण आर्थिक कर लेता है, इसे दुनिया के सकल घरेलू उत्पाद के 3% से 4% के बराबर माना जाता है।

2017 में शुरू हुई, वार्षिक IQAir रिपोर्ट, जो PM2.5 वायु गुणवत्ता डेटा पर आधारित है। अब तक 117 देशों, क्षेत्रों और क्षेत्रों के कुल 6,475 शहरों में कार्यरत है। कंपनी के अनुसार, वैश्विक डेटा "दुनिया भर में सरकारों, गैर-लाभकारी संगठनों, अनुसंधान संस्थानों और नागरिक वैज्ञानिकों द्वारा संचालित हजारों नियामक और कम लागत वाली वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों" से आता है।

(DS/VOA)

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