जलवायु परिवर्तन (Climate Change) से महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा (Domestic Violence) में वृद्धि हो सकती है। एक नए अध्ययन (स्टडी) में यह दावा किया गया है।
डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पिछले अध्ययनों का विश्लेषण किया है और चरम मौसम (Extreme Weather) और महिलाओं एवं लड़कियों के खिलाफ यौन हमलों तथा शारीरिक शोषण के बीच एक कड़ी का पता लगाया है।
टीम का सुझाव है कि इन घटनाओं के दौरान हिंसा में वृद्धि, आर्थिक आघात, सामाजिक अस्थिरता, सक्षम वातावरण और तनाव जैसे कारकों से प्रेरित है।
अध्ययन के एक लेखक किम वैन डालन ने कहा, "चरम घटनाएं स्वयं लिंग आधारित हिंसा का कारण नहीं बनती हैं, बल्कि वे हिंसा के चालकों को बढ़ाती हैं या ऐसे वातावरण का निर्माण करती हैं जो इस प्रकार के व्यवहार को सक्षम बनाते हैं।"
शोधकर्ताओं के अनुसार, 2000 से 2019 तक, दुनिया भर में लगभग चार अरब लोग बाढ़, सूखे और तूफान से प्रभावित हुए थे, जबकि 300,000 से अधिक लोगों की मौत हुई थी।
चिंताजनक रूप से, जलवायु मॉडल संकेत देते हैं कि Climate Change की प्रगति के साथ ये Extreme Weather की घटनाएं और भी बदतर हो जाएंगी।
अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने पिछले 41 अध्ययनों का विश्लेषण किया जिसमें लिंग आधारित हिंसा के साथ-साथ चरम घटनाओं की खोज की गई थी।
डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, उनके विश्लेषण से पता चला है कि चरम मौसम और जलवायु की घटनाओं से लिंग आधारित हिंसा बढ़ जाती है।
डेली मेल ने बताया कि इसके बाद, लिंग आधारित हिंसा में वृद्धि हुई, विशेष रूप से पारस्परिक हिंसा या अंतरंग साथी हिंसा, और महिलाओं के लिए शारीरिक उत्पीड़न में वृद्धि हुई।
मिसिसिपी में आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों पर किए गए एक अध्ययन में यह भी पाया गया कि आपदा के बाद के वर्ष में यौन हिंसा और अंतरंग साथी हिंसा की दर में वृद्धि हुई है।
(आईएएनएस/PS)