मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में वन बंधु परिषद की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक हुई। इस बैठक में तय हुआ है कि वनवासी क्षेत्रों में चल रहे एकल विद्यालयों को समाज से जोड़ने के लिए 'चलो गांव की ओर' अभियान चलाया जाएगा। परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश सरावगी ने कार्यसमिति को संबोधित करते हुए कहा, "देश के वनवासी क्षेत्रों में चल रहे एकल विद्यालयों से समाज को जोड़ेगा। इसके लिए परिषद 'चलो गांव की ओर' अभियान चलाएगी। इस अभियान में नगरीय क्षेत्र में रहने वाले परिवारों से घर-घर जाकर संपर्क किया जाएगा और उनसे यह आह्वान किया जाएगा कि वह जनजाति बहुल क्षेत्रों में शिक्षा, विकास, सामाजिक समरसता के लिए कार्य करें।"
राजधानी के तात्या टोपे नगर स्थित गुजराती समाज भवन में दो दिन तक चली इस बैठक में वनबंधु परिषद की आगामी कार्ययोजना पर विचार-विमर्श किया गया। इस बैठक में देश भर के परिषद के 36 चौप्टर के 200 पदाधिकारियों ने सम्मिलित होकर मंथन किया।
समापन सत्र में परिषद के राष्ट्रीय संरक्षक रामेश्वर लाल काबरा ने संगठन द्वारा वनवासी क्षेत्रों में संचालित एकल विद्यालयों के कार्य का विस्तार करने की बात कही। इसके लिए उन्होंने देश के युवाओं और महिलाओं से समय देने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि युवा और महिलाएं वनवासी क्षेत्र में शिक्षा, जागरूकता, स्वास्थ्य, सेवा एवं संस्कार देने के लिए महत्वपूर्ण कार्य कर सकते हैं।
परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश सरावगी ने बताया कि देशभर के वनवासी क्षेत्रों में संचालित एकल विद्यालयों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिए चलो गांव की ओर अभियान चलाया जा रहा है। इसमें नगरीय क्षेत्र के लोग अंचल में और अंचल के लोग ग्रामीण वनवासी क्षेत्रों तक पहुंच कर एकल विद्यालयों के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन हेतु कार्य करेंगे। नगरीय क्षेत्रों में संगठन परिवार संपर्क करके उन्हें वनवासी क्षेत्रों से जुड़ेगा और वे जनजाति बहुल क्षेत्रों में समरसता का भाव जागृत कर संस्कृति एवं संस्कार के निर्माण हेतु कार्य करेंगे।
बैठक के समापन सत्र से पूर्व परिषद की महिला एवं युवा समितियों ने भविष्य की कार्य योजना विस्तार से सबके समक्ष रखी।
ज्ञात हो कि वन बंधु परिषद देश के वनवासी क्षेत्रों में औपचारिक शिक्षा प्रदान करने हेतु 75 हजार से अधिक विद्यालयों का संचालन करती है। अकेले मध्यप्रदेश में परिषद 17 हजार से अधिक एकल विद्यालयों का संचालन कर रही है। इन एकल विद्यालयों में सेवाभावी कार्यकर्ताओं द्वारा शिक्षा प्रदान की जा रही है। बैठक में इस बात पर भी सहमति बनी कि एकल विद्यालयों को प्रौद्योगिकी से जोड़ा जाएगा। विद्यालयों में खेलकूद की गतिविधियां भी बढ़ाई जाएंगी।
(आईएएनएस/AV)