दुनिया की पहली टेस्ट ट्यूब बेबी अब 46 वर्ष की हो चुकी है, जानिए क्या करती है?

आम तौर पर बच्चे के जन्म पर माता पिता का खुश होना लाज़मी है लेकिन वह बच्ची खास थी। दरअसल, वो दुनिया की पहली बच्ची थी, जो IVF प्रोसेस के जरिए पैदा हुई थी।
First IVF Baby in history :  In vitro fertilization एक मेडिकल प्रक्रिया है जिसमें महिला के एग और पुरुष के स्पर्म को लैब में फ्यूज़ करते हैं। (Wikimedia Commons)
First IVF Baby in history : In vitro fertilization एक मेडिकल प्रक्रिया है जिसमें महिला के एग और पुरुष के स्पर्म को लैब में फ्यूज़ करते हैं। (Wikimedia Commons)
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First IVF Baby in history : 25 जुलाई 1978 में मैंचेस्टर के ओल्डहैम एंड डिस्ट्रिक्ट जनरल हॉस्पिटल में एक बच्ची का जन्म हुआ। पिता पीटर ब्राउन और मां लेसली के खुशी का ठिकाना नहीं था।आम तौर पर बच्चे के जन्म पर माता पिता का खुश होना लाज़मी था लेकिन वह बच्ची खास थी। दरअसल, वो दुनिया की पहली बच्ची थी, जो IVF प्रोसेस के जरिए पैदा हुई थी। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर डॉक्टरों ने ये चमत्कार कैसे किया और दुनिया की पहली टेस्ट ट्यूब बेबी आज क्या करती है। संतानहीन लोगों के जीवन में एक बच्चे से महत्त्वपूर्ण और क्या ही हो सकता है जो अब आईवीएफ द्वारा संभव है।

हिस्ट्री वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार इंग्लैंड में जन्मी लुइस ब्राउन जब पैदा हुई थीं, तब उनका वजन 340 ग्राम था। डॉक्टर ने पैट्रिक स्टेपटो सिज़ेरियन सेक्शन के जरिए उनकी मां की डिलीवरी की । उन्हें जॉय उपनाम दिया। उनका मानना था कि वो उन माता-पिता की जिंदगी में खुशियां लाएंगी जो संतानहीन हैं। इस साल लुइस जॉय ब्राउन 46 साल की हो जाएंगी, और इन 46 सालों में उन्होंने हर किसी के अंदर उम्मीद जगाई है और आईवीएफ प्रोसेस में विश्वास भी जगाया है।

 लुइस ब्राउन दुनिया की पहली बच्ची थी, जो IVF प्रोसेस के जरिए पैदा हुई थी। (Wikimedia Commons)
लुइस ब्राउन दुनिया की पहली बच्ची थी, जो IVF प्रोसेस के जरिए पैदा हुई थी। (Wikimedia Commons)

क्या है IVF?

सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार 40 सालों में 80 लाख से ज्यादा बच्चे आईवीएफ से पैदा हो चुके हैं। आईवीएफ यानी In vitro fertilization एक मेडिकल प्रक्रिया है जिसमें महिला के एग और पुरुष के स्पर्म को लैब में फ्यूज़ करते हैं, फिर उससे बने भ्रूण को महिला के गर्भ में प्लेस करते हैं। मेयो क्लिनिक के अनुसार आईवीएफ की प्रक्रिया 2 से 3 हफ्ते के बीच पूरी होती है।

लूइस अब एक चिकित्सक, लेखक, और आईवीएफ एंबैसेडर बन चुकी हैं। (Wikimedia Commons)
लूइस अब एक चिकित्सक, लेखक, और आईवीएफ एंबैसेडर बन चुकी हैं। (Wikimedia Commons)

अब क्या करती हैं लूइस?

अब लूइस एक स्वस्थ जिंदगी बिता रही हैं। हिस्ट्री की रिपोर्ट के अनुसार साल 2006 में उन्होंने अपने बेटे को जन्म दिया था। वहीं उनकी छोटी बहन नैटली, जो उनके जन्म के कुछ सालों बाद ही पैदा हुई थीं, 1999 में पहली ऐसी आईवीएफ बेबी बनी थीं जिसने बच्चे को जन्म दिया था। दोनों लड़कियों ने ही नेचुरल तरीकों से ही कंसीव किया था। लूइस अब एक चिकित्सक, लेखक, और आईवीएफ एंबैसेडर बन चुकी हैं और वो दुनिया के अलग-अलग देशों में जाकर लोगों को आईवीएफ के लिए जागरूक करती हैं।

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