![1952 से अब तक की उस सुनहरी यात्रा से रूबरू कराएगा, जहाँ भारतीय महिलाओं ने अपने आत्मविश्वास और आकर्षण से दुनिया को मंत्रमुग्ध किया। [X]](http://media.assettype.com/newsgram-hindi%2F2025-08-20%2Fjczam5bi%2FUntitled-design-1.jpg?w=480&auto=format%2Ccompress&fit=max)
भारत हमेशा से अपनी हर क्षेत्र में अलग पहचान के लिए जाना जाता है। चाहें संस्कृति हो या महान हस्तियों की पॉपुलैरिटी पूरी दुनियां में भारत की एक अलग ही पहचान है। खेल के मैदान से लेकर राजनीति तक, विज्ञान से लेकर कला तक भारतीयों ने हर क्षेत्र में अपनी काबिलियत साबित की है, और जब बात आती है ख़ूबसूरती, आत्मविश्वास और व्यक्तित्व की, तो हमारी भारतीय महिलाएँ भी किसी से पीछे नहीं रहीं। मिस यूनिवर्स का मंच सिर्फ़ सुंदरता का नहीं, बल्कि दिमाग़, आत्मविश्वास और व्यक्तित्व की ताक़त का भी मंच है।
इस मंच पर भारत की बेटियों ने बार-बार साबित किया है कि वे न सिर्फ़ बाहरी सुंदरता से बल्कि अपनी सोच और आत्मविश्वास से भी पूरी दुनिया का दिल जीत सकती हैं। जब भी कोई भारतीय महिला मिस यूनिवर्स का ताज पहनती है, तो यह सिर्फ़ उसकी व्यक्तिगत जीत नहीं होती, बल्कि यह पूरे देश के लिए गौरव का पल बन जाता है। उस पल में ऐसा लगता है जैसे भारत की पहचान सिर्फ़ क्रिकेट, बॉलीवुड या राजनीति तक ही सीमित नहीं है, बल्कि ग्लैमर और ग्रेस के मंच पर भी भारत का तिरंगा शान से लहराता है। आप सोच रहें होंगे कि आखिर अचानक मिस यूनिवर्स जैसे खिताब की बात हमने क्यों शुरू कर दी? दरअसल मणिका विश्वकर्मा (Manika Vishwakarma) ने हाल ही में मिस यूनिवर्स इंडिया 2025 (Miss Universe India 2025) का खिताब जीता हैं। यानी भारत की तरफ़ से अब मणिका मिस यूनिवर्स 2025 में हिस्सा लेंगी। तो आज हम आपको 1952 से अब तक की उस सुनहरी यात्रा से रूबरू कराएगा, जहाँ भारतीय महिलाओं ने अपने आत्मविश्वास और आकर्षण से दुनिया को मंत्रमुग्ध किया।
अमेरिका ने शुरू किया था मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता
मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता (Miss Universe Contest) की शुरुआत साल 1952 (Miss Universe Contest Started In 1952) में हुई थी। इसे सबसे पहले अमेरिका ने शुरू किया। दरअसल, इसका उद्देश्य था महिलाओं को एक ऐसा मंच देना जहाँ वे न केवल अपनी सुंदरता, बल्कि आत्मविश्वास, बुद्धिमत्ता और सामाजिक जिम्मेदारी को भी दुनिया के सामने प्रस्तुत कर सकें। धीरे-धीरे यह प्रतियोगिता अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय होती गई और आज यह दुनिया की सबसे बड़ी ब्यूटी पेजेंट प्रतियोगिताओं में गिनी जाती है। भारत ने पहली बार मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता में 1952 में ही हिस्सा लिया था। लेकिन लंबे समय तक भारत को सफलता नहीं मिली। बाद में 1994 में सुष्मिता सेन (Sushmita Sen) ने इतिहास रचते हुए पहली भारतीय मिस यूनिवर्स का ताज जीता। इसके बाद 2000 में लारा दत्ता (Lara Dutta) और 2021 में हरनाज़ संधू (Harnaaz Sandhu) ने भी यह खिताब जीतकर देश का नाम रोशन किया। आज भारत मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता के सबसे सम्मानित प्रतिभागी देशों में गिना जाता है।
मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाली पहली भारतीय महिला
भारत की पहली महिला जिन्होंने मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता (1952) में हिस्सा लिया था (The first Indian woman to participate in the Miss Universe contest (1952), वे थीं इंद्राणी रहमान (Indrani Rahman)। उस समय वे मिस इंडिया 1952 (Miss India 1952) बनीं और इसके बाद अमेरिका के कैलिफोर्निया में आयोजित पहली मिस यूनिवर्स पेजेंट में भारत का प्रतिनिधित्व किया। उनकी सबसे खास बात यह थी कि वे शादीशुदा थीं और एक बेटी की माँ भी थीं, फिर भी उन्होंने आत्मविश्वास और गरिमा के साथ मंच पर अपनी पहचान बनाई।
स्विमसूट राउंड में उन्होंने बिंदी और गजरा पहनकर सबको चौंका दिया और भारतीय संस्कृति की झलक दुनिया के सामने पेश की। इंद्राणी न केवल सुंदरता की मिसाल थीं, बल्कि भारतीय परंपरा और आधुनिकता का संगम भी थीं।
1994 में जब पहली बार मिला किसी भारतीय को मिस यूनिवर्स का टैग
साल 1994 भारत के लिए ऐतिहासिक रहा। इसी साल दिल्ली की एक साधारण-सी लड़की सुष्मिता सेन (Sushmita Sen) ने वो कर दिखाया, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। उन्होंने मिस यूनिवर्स 1994 का ताज अपने नाम किया और भारत का नाम पहली बार इस मंच पर दर्ज करा दिया। उस दौर में भारत में ब्यूटी पेजेंट्स को लेकर जागरूकता बहुत कम थी। लोग इन्हें ज़्यादा गंभीरता से नहीं लेते थे, लेकिन सुष्मिता की जीत ने माहौल ही बदल दिया।
सुष्मिता सेन ने अपनी खूबसूरती, आत्मविश्वास और बेबाकी भरे जवाबों से सबको प्रभावित किया। खासकर जब उनसे पूछा गया कि एक महिला के लिए सबसे बड़ा फायदा क्या है, तो उनका जवाब “भगवान ने उन्हें मां बनने का वरदान दिया है” ने सबके दिल जीत लिए। उनकी इस सोच ने उन्हें बाकी प्रतियोगियों से अलग कर दिया। ताज जीतने के बाद सुष्मिता सेन ने बॉलीवुड का रुख किया। उन्होंने कई मशहूर फिल्मों जैसे ‘बीवी नं. 1’(Biwi No 1) , ‘मैं हूं ना’ (Main Hoon Na), ‘फ़िलहाल’ और ‘मैंने प्यार क्यों किया’ (Maine Pyar Kyun Kiya) में काम किया। वो सिर्फ़ एक अभिनेत्री ही नहीं, बल्कि समाजसेवी और प्रेरणा का स्रोत भी बनीं।
1994 में सुष्मिता सेन की इस उपलब्धि ने भारतीय महिलाओं को यह विश्वास दिलाया कि अगर हिम्मत और आत्मविश्वास हो तो दुनिया का कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है।
लारा दत्ता भी रह चुकीं है मिस यूनिवर्स
साल 2000 भारत के लिए बहुत खास रहा, क्योंकि इसी साल लारा दत्ता ने मिस यूनिवर्स का ताज (Lara Dutta Crowned Miss Universe In 2000) जीतकर पूरे देश का नाम रोशन किया। लारा का जन्म 16 अप्रैल 1978 को हुआ था और वे बचपन से ही पढ़ाई में तेज़ तथा आत्मविश्वासी थीं। उन्होंने बंगलूरू से पढ़ाई पूरी की और मॉडलिंग की दुनिया में कदम रखा। 1997 में लारा ने मिस इंटरकॉन्टिनेंटल का खिताब जीता (Miss Intercontinental in 1997) और फिर 2000 में मिस इंडिया यूनिवर्स बनीं। इसके बाद साइप्रस में हुए मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता में उन्होंने अपनी समझदारी और आत्मविश्वास से सबका दिल जीत लिया।
लारा की सबसे बड़ी ताकत उनका कॉन्फिडेंस और इंटलीजेंस थी। जब उनसे कठिन सवाल पूछे गए, तो उन्होंने बेहद समझदारी से जवाब दिया और इसी वजह से वे भारत की दूसरी महिला बनीं जिन्होंने मिस यूनिवर्स का ताज अपने नाम किया। खिताब जीतने के बाद लारा ने बॉलीवुड में कदम रखा। उनकी पहली फिल्म थी अंदाज़ (2003), जो सुपरहिट रही। इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों जैसे नो एंट्री, भागमभाग, हाउसफुल, डॉन 2 में काम किया और अपनी पहचान बनाई।
जब कई सालों के बाद हरनाज़ संधू को मिला मिस यूनिवर्स का टैग
लारा दत्ता के बाद लगभग 21 वर्षों तक भारत से किसी ने भी मिस यूनिवर्स का खिताब नहीं जीता था। 21 वर्षों के लंबे समय के बाद 2021 में हरनाज़ संधू (Harnaaz Sandhu) ने भारत के लिए एक ऐतिहासिक पल रचा। 21 साल बाद भारत को मिस यूनिवर्स (Miss Universe 2021) का ताज दिलाकर उन्होंने देश को गर्व से भर दिया। हरनाज़ का जन्म 3 मार्च 2000 को चंडीगढ़ में हुआ। वे शुरू से ही आत्मविश्वासी और मेहनती रही हैं। पढ़ाई के साथ-साथ उन्होंने मॉडलिंग और ब्यूटी पेजेंट्स में हिस्सा लिया।
हरनाज़ ने कई छोटे-बड़े खिताब जीते, जैसे फेमिना मिस इंडिया पंजाब 2019, और फिर लिवा मिस दिवा यूनिवर्स 2021। इसी जीत के बाद उन्हें मिस यूनिवर्स में भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला। दिसंबर 2021 में इज़राइल में आयोजित मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता में उन्होंने दुनिया भर की 80 से ज्यादा प्रतिभागियों को पछाड़ते हुए ताज अपने नाम किया। उनकी सबसे बड़ी खासियत उनका कॉन्फिडेंस और गहन सोच थी।
फाइनल राउंड में जब उनसे महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने बेबाकी से कहा कि "आज की युवा महिलाएं खुद पर विश्वास रखें, यही उनकी सबसे बड़ी ताकत है।" हालांकि पिछली दो मिस यूनिवर्स की तरह हरनाज़ ने अब तक बॉलीवुड में कदम नहीं रखा है।
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क्या मणिका जीत पाएंगी 2025 मिस यूनिवर्स का खिताब?
मणिका विश्वकर्मा (Manika Vishwakarma), श्रीगंगानगर, राजस्थान की रहने वाली हैं और उन्होंने हाल ही में मिस यूनिवर्स इंडिया 2025 (Miss Universe India 2025) का खिताब जीता हैं। यानी भारत की तरफ़ से अब मणिका मिस यूनिवर्स 2025 में हिस्सा लेंगी। मणिका ने यह खिताब जयपुर, राजस्थान में आयोजित भव्य समारोह में जीता, जहाँ 48 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था। उन्हें यह ताज मिस यूनिवर्स इंडिया 2024 रिया सिंघा ने पहनाया।
अब मणिका इस साल थाईलैंड में होने वाले 74वें मिस यूनिवर्स पेजेंट में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। मणिका की खासियत यह है कि उन्होंने हमेशा अकादमिक पढ़ाई और पेजेंट करियर को साथ-साथ संतुलित किया है। वे अपनी शिक्षा को लेकर बेहद गंभीर रही हैं और इसी वजह से युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा बन गई हैं। राजस्थान से आने वाली मणिका ने कठिनाइयों के बावजूद अपने सपनों को पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ाए।
उनकी जीत केवल सौंदर्य तक सीमित नहीं है, बल्कि यह संदेश देती है कि पढ़ाई और व्यक्तित्व विकास दोनों का मेल सफलता की कुंजी है। मणिका ने अपने आत्मविश्वास, बुद्धिमत्ता और मंच पर दिए गए बेबाक जवाबों से सबका दिल जीता। अब देखना यह दिलचस्प होगा कि क्या भारत के लिए अगला मिस यूनिवर्स का खिताब मणिका विश्वकर्मा जीत पाती हैं या नहीं? [Rh/SP]