Gaiola Island : गियोला इटली के नेपल्स में स्थित है यह एक छोटा सा द्वीप है, जो 42 हेक्टेयर में फैला हुआ है। पॉसिलिपो की दक्षिणी सीमा पर स्थित और समुद्र तट से लगभग 30 मीटर दूर इस द्वीप तक पहुंचना आसान है। यह दो टापूओं से मिलकर बना है। एक छोटा पुल इन टापुओं को जोड़ता है जिसके एक टापू पर एक विला है जबकि दूसरा खाली पड़ा हुआ है।
इस द्वीप के बारे में कहा जाता है की जिसने भी इस द्वीप को खरीदा वो बर्बाद हो गया या कई की अकाल मृत्य हो गई। अब इस द्वीप पर कोई नहीं रहता है। यह द्वीप 45 साल से अधिक समय से निर्जन है, अब इसे दुनिया का सबसे शापित द्वीप बताया जाता है। चारों ओर से पानी से घिरा ये द्वीप देखने में बड़ा ही आकर्षक लगता है।
गियोला इटली के सबसे भव्य द्वीपों में से एक है। यह शापित द्वीप मालिकों के परिवारों में अकाल मृत्यु, मानसिक बीमारी, दुर्घटनाओं के लिए प्रसिद्ध है। 19वीं शताब्दी में, इस द्वीप पर एक साधु का निवास था। बाद में, एक बड़ी फिशिंग कंपनी के मालिक लुइगी नेग्री ने 1800 के दशक के अंत में इस द्वीप को खरीदा और यहां एक विला बनवाया। आज भी वह विला वही है। परंतु यह द्वीप खरीदने ने बाद अचानक से उसके सारे पैसे खत्म हो गए और उसे अपना सारा सामान बेचना पड़ा।
1900 की शुरुआत में, इस द्वीप को स्विस शख्स हंस ब्रौन ने खरीदा था। इसके बाद उनका शव रहस्यमयी तरह से गलीचे में लिपटा हुआ पाया गया, जबकि लोगों का कहना था कि उनकी पत्नी समुद्र में डूब गईं। इसके बाद इस द्वीप पर ओटो ग्रुनबैक ने कब्ज़ा कर लिया जब वह अपने नए खरीदे गए विला में समय बिता रहे थे, तभी उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उनकी मौके पर ही मृत्यु हो गई। द्वीप के अगले मालिक प्रसिद्ध लेखक मौरिस-यवेस सैंडोज़ थे, जो इसे खरीदने के तुरंत बाद पागल हो गए और मेंटल हॉस्पिटल के अंदर आत्महत्या कर ली।
इन सब घटना के बाद भी इस द्वीप को कई लोगों ने खरीदा और सभी को इसके बुरे प्रभाव झेलने पड़े। इस द्वीप के अंतिम ज्ञात मालिक जियानपास्क्वेल ग्रैपोन के साथ भी ऐसा ही हुआ उन्हें जेल में डाल दिया गया, जबकि उनकी पत्नी की एक कार दुर्घटना में मृत्यु हो गई। इसके बाद 1978 में सरकार ने इस द्वीप को अपने कंट्रोल में ले लिया। इस द्वीप के रहस्मयी इतिहास के बाद भी इसके चारों ओर का दृश्य बेहद खूबसूरत है।