Hemkund Sahib : सिखों के पवित्र धाम हेमकुंड साहिब में बर्फबारी के बाद वहां का नजारा और भी मनोरम हो गया है। यहां का मौसम सुहाना हो गया है। बर्फबारी के कारण हेमकुंड में तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है। हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे में दर्शन करने आने वाले श्रद्धालु भी इस बर्फबारी का मज़ा ले रहे हैं। यहां हर दिन करीब 2 हजार से अधिक श्रद्धालु हेमकुंड साहिब दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। हेमकुंड साहिब के कपाट 25 मई को श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ के लिए खोले गए और 31 मई तक 18,116 श्रद्धालु हेमकुंड साहिब की यात्रा कर चुके हैं।
हेमकुंड साहिब तक पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या भी साल दर साल चारधाम यात्रियों की तरह बढ़ रही है। बर्फीले इलाकों के बीच चमोली जिले में स्थित यह गुरुद्वारा विश्व प्रसिद्ध है। बताया जा रहा है कि गंगोत्री-यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम के जैसे ही इस बार हेमकुंड साहिब जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या भी अधिक होगी। दूसरी तरफ जो यात्रा कर रहे हैं, उनकी मदद के लिए आर्मी के जवान तैनात किए गए हैं। फिसलन वाले रास्तों पर बुजुर्गों और महिलाओं का खास ख्याल रखा जा रहा है।
आपको बता दें चारधाम यात्रा के अलावा हेमकुंड साहिब की यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी है। यात्रियों की भीड़ और व्यवस्थाओं को देखते हुए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया गया है। ये यात्रा बेहद कठिन चढ़ाई और बर्फीले पहाड़ों के बीच संपन्न होती है। इसलिए सभी यात्री घर से निकलने से पहले गर्म कपड़े, सूखे ड्राई फ्रूट्स और जरूरी दवाइयां अपने साथ रखें। आपको इस यात्रा में पैदल अधिक चलना होगा इसके लिए आप कंफर्टेबल जूते पहनकर यात्रा करें। राज्य सरकार की ओर से यहां पर हेली सर्विस और घोड़े खच्चरों की व्यवस्था की गई है। आप उनका उपयोग करके भी हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा तक पहुंच सकते हैं।
हेमकुंड साहिब जाने के लिए पहले आपको ट्रेन के माध्यम से ऋषिकेश तक आना होगा। फिर ऋषिकेश के बाद का सफर आपको सड़क मार्ग से पूरा करना होता है। हेमकुंड साहिब या जोशीमठ पहुंचने के लिए आपको ऋषिकेश से लगभग 8 से 9 घंटे का वक्त लगेगा। इसके बाद एक रात्रि विश्राम करने के बाद अगली सुबह आप हेमकुंड साहिब की चढ़ाई शुरू कर सकते हैं। लगभग 6 घंटे की पैदल यात्रा के बाद आप हेमकुंड साहिब पहुंच सकते हैं।