
इतिहास के पन्नों में 12 सितंबर का दिन कई महत्वपूर्ण घटनाओं का साक्षी रहा है। इस दिन भारत और विश्व में राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक स्तर पर ऐसी घटनाएँ घटीं जिन्होंने आने वाले समय पर गहरा प्रभाव डाला। कभी यह दिन युद्ध और समझौते की कहानियों से जुड़ा रहा तो कभी स्वतंत्रता संग्राम और महान व्यक्तित्वों की यादों से। भारत में इस दिन से जुड़ी कुछ घटनाएँ देश के गौरव को दर्शाती हैं, वहीं दुनिया में कई बदलावों की शुरुआत भी इसी तारीख को हुई। आइए, जानते हैं 12 सितंबर से जुड़ी कुछ खास ऐतिहासिक घटनाओं को विस्तार से। आइए जानते हैं 12 सितंबर (History Of 12th September) के दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं, उपलब्धियों और व्यक्तित्वों के बारे में।
12 सितंबर 1759 को क्वेबेक की ऐतिहासिक लड़ाई शुरू हुई (The Historic Battle of Québec begins), जिसे "बैटल ऑफ द प्लेन्स ऑफ अब्राहम" ("Battle of the Plains of Abraham") भी कहा जाता है। यह संघर्ष ब्रिटिश और फ्रांसीसी सेनाओं के बीच हुआ था। इस युद्ध का परिणाम उत्तरी अमेरिका की राजनीति और सत्ता पर गहरा असर डालने वाला साबित हुआ। ब्रिटिश सेना ने फ्रांस पर जीत दर्ज की और इसने कनाडा में ब्रिटिश उपनिवेशवाद को मजबूत आधार दिया। यही घटना आगे चलकर फ्रांस और ब्रिटेन के बीच सत्ता के संतुलन को बदलने वाली बनी और कनाडा के भविष्य की दिशा निर्धारित हुई।
12 सितंबर 1814 को अमेरिका और ब्रिटेन के बीच 1812 के युद्ध के दौरान बाल्टीमोर शहर पर ब्रिटिश नौसेना और सेना ने हमला (British attack on America) किया। यह हमला अमेरिका की स्वतंत्रता और संप्रभुता के लिए बड़ी चुनौती थी। हालांकि शुरुआत में ब्रिटिश सेना को बढ़त मिली, लेकिन अमेरिकी सैनिकों ने बहादुरी से इसका सामना किया। यही युद्ध आगे चलकर अमेरिका की राष्ट्रवादी भावना को मजबूत करने वाला साबित हुआ। इस घटना ने अमेरिकी राष्ट्रगान “स्टार-स्पैंगल्ड बैनर” ("The Star-Spangled Banner") के जन्म की नींव भी रखी।
12 सितंबर 1848 को स्विट्जरलैंड ने नया संघीय संविधान अपनाया (Switzerland adopts new federal constitution)। इस संविधान ने देश को एक आधुनिक लोकतांत्रिक राष्ट्र का रूप दिया। पहले स्विट्जरलैंड ढीली-ढाली संघीय व्यवस्था में बंटा हुआ था, लेकिन नए संविधान ने केंद्रीय सरकार को मजबूत किया और जनता को अधिक अधिकार दिए। यह संविधान यूरोप के सबसे प्रगतिशील संविधानों में से एक माना जाता है और आज भी इसकी मूल भावना कायम है। इस घटना ने स्विट्जरलैंड को स्थिर और शांतिप्रिय देश बनाने में अहम भूमिका निभाई।
12 सितंबर 1897 को हिंदी साहित्य की महान कवयित्री और स्वतंत्रता सेनानी महादेवी वर्मा का जन्म हुआ (Mahadevi Varma was born)। उन्हें हिंदी की "छायावाद युग की प्रमुख स्तंभ" माना जाता है। उनकी कविताएँ, निबंध और लेखन महिलाओं की संवेदनाओं और स्वतंत्रता की पुकार को उजागर करते हैं। महादेवी वर्मा को "आधुनिक मीरा" ("Modern Mira") भी कहा जाता है। साहित्य सेवा के लिए उन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार और पद्मविभूषण जैसे सम्मान प्राप्त हुए। उनके लेखन ने हिंदी साहित्य को नई ऊँचाइयाँ दीं और भारतीय महिलाओं को आत्मसम्मान और अधिकारों के लिए प्रेरित किया।
12 सितंबर 1940 को फ्रांस के डोर्डोग्ने क्षेत्र में कुछ बच्चों ने प्रसिद्ध लैस्को गुफाओं की खोज की (Exploring the Lascaux Caves)। इन गुफाओं में लगभग 17,000 साल पुराने चित्र पाए गए, जो प्रागैतिहासिक मानव की कला और जीवनशैली को दर्शाते हैं। गुफा की दीवारों पर बने पशुओं और शिकार के दृश्य प्राचीन सभ्यता की झलक प्रस्तुत करते हैं। यह खोज विश्व कला और पुरातत्व के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। आज ये गुफाएँ यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं और मानव सभ्यता की प्राचीनतम रचनात्मकता का प्रमाण हैं।
12 सितंबर 1948 को पाकिस्तान ने कराची को अपनी पहली राजधानी घोषित किया (Pakistan declared Karachi as its first capital)। विभाजन के बाद पाकिस्तान को एक नए प्रशासनिक केंद्र की आवश्यकता थी और कराची को इसके लिए चुना गया। उस समय कराची व्यापार और समुद्री गतिविधियों का बड़ा केंद्र था। हालांकि बाद में 1960 में राजधानी इस्लामाबाद को बनाया गया (In 1960, Islamabad was made the capital), लेकिन शुरुआती वर्षों में कराची ने पाकिस्तान के राजनीतिक और आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभाई। यह घटना पाकिस्तान के इतिहास में एक बड़ा मोड़ थी।
12 सितंबर 1959 को सोवियत संघ (soviet union) का अंतरिक्ष यान लूना-2 (Spacecraft Luna-2) सफलतापूर्वक चंद्रमा पर उतरा। यह पहली मानव निर्मित वस्तु थी जिसने चंद्रमा की सतह को छुआ। इस सफलता ने सोवियत संघ को अंतरिक्ष दौड़ में अमेरिका पर बढ़त दिलाई। लूना-2 की उपलब्धि ने अंतरिक्ष विज्ञान को नई दिशा दी और चंद्रमा के अध्ययन के लिए वैज्ञानिकों का मार्ग प्रशस्त किया। यही घटना आने वाले दशकों में मानव को चंद्रमा पर पहुँचने की प्रेरणा बनी।
12 सितंबर 1990 को "टू प्लस फोर एग्रीमेंट" ("Two Plus Four Agreement") पर हस्ताक्षर हुए, जिसने जर्मनी के एकीकरण (Unification of Germany) का मार्ग प्रशस्त किया। इसमें पूर्वी और पश्चिमी जर्मनी के साथ-साथ अमेरिका, सोवियत संघ, ब्रिटेन और फ्रांस ने हिस्सा लिया। इस समझौते ने शीत युद्ध की समाप्ति और यूरोप में नई राजनीतिक व्यवस्था की शुरुआत का संकेत दिया। 3 अक्टूबर 1990 को आधिकारिक रूप से जर्मनी एकीकृत हुआ। यह घटना यूरोप और दुनिया के इतिहास में लोकतंत्र और एकता की जीत के रूप में दर्ज है।