
इतिहास में 11 सितंबर का दिन विश्व और भारत दोनों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन कई ऐसी घटनाएँ हुईं जिन्होंने राजनीति, समाज और संस्कृति पर गहरा असर डाला। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गांधी ने 1906 में दक्षिण अफ्रीका में इसी दिन सत्याग्रह आंदोलन की नींव रखी थी। वहीं, 2001 का 11 सितंबर पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा सदमा था, जब अमेरिका पर अब तक का सबसे भीषण आतंकी हमला हुआ। इसके अलावा, साहित्य, खेल और अंतरराष्ट्रीय राजनीति से जुड़ी कई अन्य घटनाएँ भी इस दिन दर्ज हैं। आइए जानते हैं 10 सितंबर (History Of 10th September) के दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं, उपलब्धियों और व्यक्तित्वों के बारे में।
11 सितंबर 1906 को महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) ने दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में पहली बार 'सत्याग्रह' आंदोलन की शुरुआत (Beginning of the 'Satyagraha' movement) की। यह आंदोलन अन्यायपूर्ण कानूनों और भेदभाव के खिलाफ था। गांधीजी ने सत्य और अहिंसा के आधार पर संघर्ष करने का संदेश दिया। यही आंदोलन आगे चलकर भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई का आधार बना। इस घटना ने पूरी दुनिया को दिखाया कि बिना हिंसा और युद्ध के भी स्वतंत्रता पाई जा सकती है। इसलिए यह दिन भारत और विश्व इतिहास में बेहद खास माना जाता है।
11 सितंबर 1948 को पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना का निधन (Death of Muhammad Ali Jinnah) हुआ। जिन्ना ने भारत के विभाजन और पाकिस्तान के निर्माण में सबसे बड़ी भूमिका निभाई थी। उनकी मृत्यु के बाद पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ गई और देश की दिशा बदलने लगी। यह घटना उपमहाद्वीप के इतिहास में अहम मानी जाती है क्योंकि जिन्ना के बाद पाकिस्तान ने कई बार सैन्य शासन और राजनीतिक संकटों का सामना किया। इस दिन ने भारत-पाक संबंधों पर भी गहरा असर डाला|
11 सितंबर 1973 को चिली में एक सैन्य तख्तापलट हुआ (There was a military coup in Chile), जिसमें राष्ट्रपति साल्वाडोर अयेंदे (President Salvador Allende) की सरकार को अपदस्थ कर दिया गया। यह तख्तापलट जनरल ऑगस्टो पिनोशे (General Augusto Pinochet) ने किया और इसके बाद चिली में लंबे समय तक सैन्य शासन रहा। यह घटना विश्व राजनीति के लिए बेहद महत्वपूर्ण रही क्योंकि शीत युद्ध के दौर में अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों पर इसमें हस्तक्षेप के आरोप लगे। इसने लैटिन अमेरिका की राजनीति को दशकों तक प्रभावित किया और लोकतंत्र बनाम तानाशाही की बहस को और तेज किया।
11 सितंबर 1990 को अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज एच. डब्ल्यू. बुश (George H. W. Bush) ने संयुक्त राष्ट्र और विश्व समुदाय को संबोधित करते हुए 'न्यू वर्ल्ड ऑर्डर' ('New World Order') की अवधारणा प्रस्तुत की। यह भाषण खाड़ी युद्ध और शीत युद्ध (Gulf War and Cold War) के बदलते परिदृश्य के संदर्भ में दिया गया था। बुश ने कहा कि अब विश्व को एकजुट होकर शांति और लोकतंत्र की दिशा में बढ़ना चाहिए। यह घटना अंतरराष्ट्रीय राजनीति में एक मील का पत्थर मानी जाती है और इसने अमेरिका की विश्व नेतृत्वकारी भूमिका को और मजबूत किया।
11 सितंबर 2001 को अल-कायदा आतंकियों ने अमेरिका में चार विमानों का अपहरण (Al-Qaeda terrorists hijack four planes in America) कर उन्हें वर्ल्ड ट्रेड सेंटर और पेंटागन से टकरा दिया। इस हमले में हजारों लोग मारे गए और पूरी दुनिया हिल गई। इसे “9/11 हमला” कहा जाता है। इस घटना ने वैश्विक राजनीति को हमेशा के लिए बदल दिया। अमेरिका ने इसके बाद आतंकवाद के खिलाफ 'वैश्विक युद्ध' ('Global War') शुरू किया और अफगानिस्तान में तालिबान शासन को उखाड़ फेंका। 11 सितंबर 2001 आधुनिक इतिहास की सबसे दर्दनाक घटनाओं में से एक है।
11 सितंबर 2007 को रूस में एक यात्री ट्रेन में बम धमाका (Train Explosion in Russia) हुआ। यह हमला आतंकी संगठन से जुड़ा बताया गया। धमाके में कई लोगों की जान चली गई और दर्जनों घायल हुए। यह घटना रूस में हो रहे आतंकी हमलों की श्रृंखला का हिस्सा थी, जिसने वहाँ की सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल खड़े किए। इस घटना ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई की गंभीरता को और भी बढ़ा दिया।
11 सितंबर 2012 को लीबिया के बेंगाजी शहर में अमेरिकी दूतावास पर आतंकी हमला हुआ (Terrorist attack on US embassy)। इसमें अमेरिका के राजदूत क्रिस्टोफर स्टीवंस समेत चार लोगों की मौत हो गई। यह हमला उस समय हुआ जब लीबिया गृहयुद्ध और अस्थिरता से गुजर रहा था। इस घटना ने अमेरिका की विदेश नीति और मध्य-पूर्व की स्थिति को और जटिल बना दिया। यह दिन एक बार फिर याद दिलाता है कि आतंकवाद आज भी विश्व शांति के लिए सबसे बड़ा खतरा है।