न्यूजग्राम हिंदी: आप सभी ने भारत (India) की आजादी के लिए शहीद होने वाले स्वतंत्रता सेनानियों (Freedom Fighter's) के बारे में सुना होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत की आजादी में महिलाओं का भी बहुत बड़ा योगदान रहा है, इन्हीं महिलाओं में एक नाम हैं दुर्गावती (Durgavati) का आप इन्हें दुर्गा भाभी (Durga Bhabhi) के नाम से जानते होंगे। आइए आज हम स्वतंत्रता सेनानी दुर्गावती के बारे में विस्तार से जानें।
दुर्गा भाभी के बारे में लोग यह बात नहीं जानते कि चंद्रशेखर आजाद (Chandra Shekhar Azad) ने जिस पिस्तौल से खुद को गोली मारी थी, वह उन्हें दुर्गा भाभी ने ही दी थी।
इसके अलावा एक बार वह भगत सिंह (Bhagat Singh) की पत्नी बन अंग्रेजों से उन्हें बचाने की योजना में भी शामिल हुई।
दुर्गावती के पति हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (Hindustan Socialist Republican Association) के सदस्य थे और इस एसोसिएशन के दूसरे सदस्य दुर्गावती को दुर्गा भाभी कहकर पुकारते थे, यही कारण है कि वह इस नाम से प्रसिद्ध हो गई।
दुर्गा भाभी ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की बहुत तरह से मदद की। जब भगत सिंह सांडर्स की हत्या करने की योजना बना रहे थे तो दुर्गा भाभी सांडर्स और स्कॉर्ट से बदला लेने के लिए आतुर थी। उन्होंने ही भगत सिंह और उनके साथियों को टीका लगाकर इस योजना को अंजाम देने के लिए रवाना किया था।
इसके बाद दुर्गा भाभी ने भगत सिंह के साथ भेष बदलकर शहर छोड़ दिया था, क्योंकि इस हत्या के बाद अंग्रेज उनके पीछे पड़ चुके थे।
वह भले ही भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की भांति फांसी के फंदे पर नहीं चढ़ी। लेकिन वह कंधे से कंधा मिलाकर उनका साथ देती रही और आजादी के लिए लड़ती रही। लेकिन आज भी इन्हें वह सम्मान नहीं मिल पाया जिसकी यह हकदार हैं।
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