राजा, रियासत और राजनीति: सिक्किम के भारत में विलय की अनसुनी कहानी

जिस सिक्किम को जवाहरलाल नेहरू केवल चीन के डर से भारत में विलय करने से खुद को रोक रहे थे इस सिक्किम को इंदिरा गांधी ने चीन से भारत की सुरक्षा के लिए भारत में विलय करने का निर्णय ले लिया।
सिर्फ चार दिन के प्लान के मुताबिक़ एक आज़ाद सिक्किम भारत में शामिल हो गया।[Wikimedia Commons]
सिर्फ चार दिन के प्लान के मुताबिक़ एक आज़ाद सिक्किम भारत में शामिल हो गया।[Wikimedia Commons]
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सिर्फ चार दिन के प्लान के मुताबिक़ एक आज़ाद सिक्किम भारत में शामिल हो गया। सुनने में कुछ नामुमकिन सा लगता है लेकिन ये ही सच है। 1962 में जब भारत और चीन के बीच युद्ध हुआ तो इस युद्ध में सिक्किम का महत्व बहुत अधिक बढ़ गया भारत को एहसास हुआ कि सिक्किम यदि चीन के पक्ष में रहा तो चीन इसका दुरुपयोग कर भारत पर दबदबा बना सकता है और यहां से शुरू होती है सिक्किम को भारत में विलय करने की वह कहानी जिससे काफी लोग अनजान है।


जब इंदिरा गांधी को लगा सिक्किम है महत्वपूर्ण


1962 मैं जब भारत और चीन के बीच युद्ध हुआ तो भारत काफी कमजोर महसूस कर रहा था और इसका कारण था चीन का आसानी से भारत में प्रवेश। इस समय सिक्किम एक स्वतंत्र देश था और यहां पर नामग्याल राजवंश का शासन था। वहां के राजा को चोग्याल के नाम से जाना जाता था। चीन की चुंबी घाटी के पास भारत की 21 मील की गर्दन है, इसे 'सिलीगुड़ी नेक' के नाम से जानते हैं। इसी चुंबी घाटी से लगा हुआ है सिक्किम, इसकी रणनीतिक स्थिति को देखते हुए भारत के सामरिक विशेषज्ञों ने सिक्किम को भारत में मिलाने की जरूरत महसूस की। भारत ने 1962 में चीन के साथ युद्ध के बाद सिक्किम को भारत में मिलाने के प्रयास शुरू किए।

इंदिरा गांधी को रॉ एजेंट की काफी मदद मिली [Wikimedia Commons]
इंदिरा गांधी को रॉ एजेंट की काफी मदद मिली [Wikimedia Commons]

इंदिरा गांधी को रॉ एजेंट की काफी मदद मिली, सिक्किम को भारत का हिस्सा बनाने के अभियान में भारतीय खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालीसिस बिंग की भूमिका महत्वपूर्ण थी। रॉ ने चार दिन की एक योजना बनाई जिसके जरिए सिक्किम को भारत में विलय करना आसान था। इस योजना में सिक्किम के राजा की सभी शक्तियों को कमजोर करने का प्लान बनाया गया था जिसे इंदिरा गांधी ने तुरंत स्वीकार कर लिया। जिस सिक्किम को जवाहरलाल नेहरू केवल चीन के डर से भारत में विलय करने से खुद को रोक रहे थे इस सिक्किम को इंदिरा गांधी ने चीन से भारत की सुरक्षा के लिए भारत में विलय करने का निर्णय ले लिया।


सिक्किम होना चाहता था आज़ाद


हालांकि पहले से ही सिक्किम एक आजाद देश था और वह हमेशा एक आजाद देश ही रहना चाहता था। सिक्किम की मनोकामना थी कि जिस प्रकार भूटान का स्टेटस है वैसा ही सिक्किम का भी हो यानी सिक्किम एक आजाद देश होते हुए उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी भारत की हो, सेना भारत के हो। पर सिक्किम की यह मनोकामना पूर्ण ना हुई और जब इंदिरा गांधी ने देखा कि सिक्किम के आजाद होने के लिए अपने प्रयास बढ़ा रहा है वैसे ही भारत की सेना ने सिक्किम के राजा चोग्याल के किले को चारों तरफ से घेर लिया और राजा और उनके परिवार को इस किले में नजर बंद कर लिया। 6 अप्रैल 1975 को दोपहर में भारत ने सिक्किम का अलग देश का दर्जा खत्म कर चोग्याल को उनके महल में नजरबंद कर दिया था। नजरबंद किए जाने के बाद चोग्याल की लोकप्रियता में जबरदस्त गिरावट आई। लोग उनके नापसंद करने लगे थे। चुनावों में उनकी नेशनलिस्ट पार्टी को भारी हार मिली। उनका केवल एक सदस्य ही जीत सका। बाकी के जीते हुए लोगों ने चोग्याल के नाम पर शपथ लेने से इनकार करते हुए सिक्किम के नाम पर शपथ ली थी।

 सिक्किम की मनोकामना थी कि जिस प्रकार भूटान का स्टेटस है वैसा ही सिक्किम का भी हो [Pixabay]
सिक्किम की मनोकामना थी कि जिस प्रकार भूटान का स्टेटस है वैसा ही सिक्किम का भी हो [Pixabay]

जब चोंगयाल ने की एक अमेरिकी से शादी

अब चोंगयाल के पास कोई भी विकल्प नहीं बचा था अंत में उन्होंने तरकीब लगाई और एक अमेरिकी लड़की से शादी कर ली। चोंगयाल को लगा कि एक अमेरिकी से शादी करने पर उन्हें भड़काने पर शायद उसे अमेरिका उनकी मदद कर सकें लेकिन ऐसा ना हो सका। चोंगयाल की पत्नी खुद ही उससे काफी परेशान रहने लगी। आपको बता दें कि अमेरिका लौटने से पहले होप कुक ने महल की बहुत सी बहुमूल्य कलाकृतियां और पेंटिंग्स अमरीका पहुंचा दी थीं। बहुत से लोग होप कुक को अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए का एजेंट मानते हैं, क्योंकि वो राजनीतिक तौर पर अधिक सक्रिय रहती थीं। अब सिक्किम के पास कोई और विकल्प नहीं था अंत में सिक्किम को भारत का 22वां राज्य बनाने का संविधान संशोधन विधेयक 23 अप्रैल, 1975 को संसद के निचले सदन लोकसभा में पेश किया गया था। लोकसभा ने विधेयक को उसी दिन 299-11 के बहुमत से पारित कर दिया था। इस बिल को राज्यसभा ने 26 अप्रैल 1975 को पारित किया। राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने 15 मई, 1975 को इस बिल पर दस्तखत किए थे। इससे नाम्ग्याल राजवंश का शासन सिक्किस से खत्म हो गया और वो भारत का 22वां राज्य बन गया था। Rh/SP

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