इतिहास के पन्नों में 29 जुलाई का महत्व

ईश्वर चंद्र विद्यासागर का निधन 29 जुलाई 1891 को कोलकाता में हुआ था।
इतिहास के पन्नों में 29 जुलाई का महत्व
इतिहास के पन्नों में 29 जुलाई का महत्व पंडित ईश्वर चंद्र विद्यासागर (Wikimedia Commons)

29 जुलाई 1891 को कोलकाता में उस समय के महान समाज सुधारक, दार्शनिक और लेखक ईश्वर चंद्र विद्यासागर का निधन हो गया, जिन्होंन सर्वप्रथम महिलाओं के हक की आवाज उठाई थी। उन्होंने 19वीं सदी के महानायक के रूप में पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं के हक के लिए कार्य किया।

ईश्वर चंद्र विद्यासागर का जन्म पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर के एक गरीब परिवार में 26 सितंबर 1820 को हुआ था। इनका बचपन का नाम ईश्वर चंद्र बंदोपाध्याय था। बाद में इनके अतुल्य बौद्धिक कौशल तथा उत्कृष्ट शैक्षणिक योग्यता को देखते हुए विभिन्न संस्थानों द्वारा छात्रवृत्तियां दी गईं और यही कारण था कि ये आगे चलकर विद्यासागर की उपाधि से नवाजे गए।

अगर बंगाल के पुनर्जागरण के स्तंभों की बात की जाए तो ईश्वर चंद्र विद्यासागर उसके सबसे मजबूत स्तम्भ थे, जिनका सम्पूर्ण जीवन आज भी सभी वर्ग के लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत है। उन्होंने स्वदेशी भाषा और लड़कियों की शिक्षा के लिए स्कूलों की श्रृंखला के साथ कलकत्ता में मेट्रोपॉलिटन कॉलेज की स्थापना की, जिसके लिए उन्हें तत्कालीन संकीर्ण मानसिकता वाले समाज से उलाहना भी सहना पड़ा।

उनके द्वारा महिलाओं के हित में किये गए कई प्रयासों में से एक का ही नतीजा था कि 1856 में विधवा पुनर्विवाह कानून पारित हुआ। उनके इस प्रयास ने उन्हें विधवा महिलाओं का मसीहा बना दिया। बल्कि उन्होंने अपने स्वयं के पुत्र का विवाह भी एक विधवा महिला से करवा कर समाज के सामने उदाहरण प्रस्तुत किया। उन्होंने लोगों में सोई हुई चेतना को जागाकर विधवा पुनर्विवाह के लिए जागरूक किया। इसके साथ ही उन्होंने बहु पत्नी प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ काफी संघर्ष भी किया।

आज की तारीख (29 जुलाई) इतिहास के कई पन्नों को अपने आप में समेटे हुए है।

इतिहास के पन्नों में 29 जुलाई का महत्व
पढ़िए भारत के 'ग्रैंड ओल्ड लेडी' अरुणा आसफ अली की कहानी

आज के दिन की अन्य अहम ऐतिहासिक घटनाएंः

1876 में आज ही के दिन भारत में इण्डियन एसोसियेशन फॉर द कल्टिवेशन ऑफ साईन्स (IACS) भारत के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अन्तर्गत एक स्वायत्त शोध संस्थान की स्थापना डॉ महेन्द्रलाल सरकार द्वारा की गई थी।

1899 में न्यूयॉर्क में पहली मोटरसाइकिल रेस का आयोजन हुआ था।

1904 में आधुनिक भारत की बुनियाद रखने वाली औद्योगिक हस्तियों में शामिल जेआरडी टाटा का जन्म आज ही के दिन हुआ था।

1937 में जापानी सेना ने 29 जुलाई को ही चीन के पेकिंग व टिनट्सीन पर कब्जा किया था।

1957 में आज ही के दिन संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय परमाणु उर्जा एजेंसी (आईएईए) का गठन किया।

1980 में मॉस्को ओलंपिक में भारत ने हॉकी में स्वर्ण पदक हासिल किया था।

1996 में प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी अरुणा आसफ अली का निधन आज ही के दिन हुआ था। यह वही स्वतंत्रता सेनानी थीं, जिन्होंने बंबई के ग्वालिया टैंक में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का ध्वज फहराती हुई सबके बीच जाकर भारत छोड़ो आंदोलन का बिगुल फूँका था।

2003 में सुप्रसिद्ध हास्य अभिनेता जॉनी वाकर का भी आज ही के दिन निधन हुआ था।

2009 में जयपुर की महारानी गायत्री देवी का निधन भी आज ही के दिन हुआ था।

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