पौराणिक सभ्यता का जश्न और आज के जमाने की पार्टी में जानें अन्तर ?

आज के दौर में तो हर छोटी-छोटी चीज के लिए पार्टी कर ली जाती है, लेकिन पहले के जमाने में ऐसा नहीं था I पुरानी सभ्यताओं में जश्न सिर्फ खास मौकों पर खास तरह से आयोजित किए जाते थे l
आज के जमाने में तो हर खास मौके के लिए पार्टी का इंतजाम कर लिया जाता है.
आज के जमाने में तो हर खास मौके के लिए पार्टी का इंतजाम कर लिया जाता है.
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दुनिया में जश्न मनाने के लिए लोगों को बस बहाना चाहिए होता है. बर्थडे है तो पार्टी कर ली, शादी है तो पार्टी की, दुख से उबरने के लिए पार्टी कर ली, दोस्त ने नई गाड़ी ली है तो पार्टी कर ली, लाइफ में कुछ और अच्छा हुआ तो पार्टी कर ली, और आज के जमाने में तो हर खास मौके के लिए पार्टी का इंतजाम कर लिया जाता है, लेकिन पुराने समय में ऐसा नहीं था I प्राचीन सभ्यताओं में पार्टियां सिर्फ बहुत खास मौकों पर की जाती थीं I जश्न भी आज के वक्त से अलग होता था, चलिए जानते हैं I

प्राचीन सभ्यताओं में पार्टियां तब आयोजित की जाती थीं, जब कोई धार्मिक या फिर सामाजिक अवसर होता था I उन पार्टियों में उस जमाने का गीत-संगीत, डांस, लजीज व्यंजन और ड्रिंक्स भी शामिल होते थे, ये पार्टियां समुदायों को एकजुट करने का काम करती थीं I

मेसोपोटामिया ( मेसोपोटामिया का अर्थ है "दो नदियों के बीच की भूमि" (ग्रीक भाषा में "मेसो" का अर्थ है मध्य और "पोटामोस" का अर्थ है नदी यह क्षेत्र टिगरिस और यूफ्रेट्स नदियों के बीच स्थित था ) की सभ्यता में पार्टियां देवी-देवताओं की पूजा के खास मौके पर होता था इसके अलावा मौसमी घटनाओं या कृषि से संबंधित त्योहारों पर आयोजित की जाती थीं l इस दौरान नाच-गाना, खाना-पीना भी होता था l

प्राचीन मिस्र की सभ्यता में पार्टी अक्सर फराओं की मौत या फिर जन्म का जश्न मनाने के लिए की जाती थीं I

सिंधु घाटी की सभ्यता का विकास पाकिस्तान और भारत में हुआ था l यहां पर पार्टियां धार्मिक अवसरों से जुड़ी होती थीं l इन पार्टियों में गीत-संगीत, नृत्य, खाना, ड्रिंक्स सबकुछ होता था l

चीन की सभ्यता का विकास ह्वांग नदी के किनारे हुआ था l चीन में पार्टियां या जश्न सिर्फ सम्राट की मृत्यु या फिर जन्म के खास मौके पर आयोजित की जाती थी l

यूनानी सभ्यता में पार्टियां सामाजिक संबंधों को मजबूत बनाने के लिए आयोजित की जाती थी l इसमें लजीज व्यंजन, मनोरंजन और शराब परोसी जाती थी l

इस प्रकार से हर सभ्यता में अलग-अलग तरह से जश्न मनाया जाता था I

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