India’s defence exports : जहां दुनिया में कई देशों में युद्ध चल रहे हैं वहीं भारत ने हथियार निर्यात के मामले में साल 2024 में 32.5 प्रतिशत की वृद्धि हासिल की है। सोमवार के दिन भारतीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि भारत ने कुल ₹21,083 करोड़ के हथियारों का निर्यात किया जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 32.5 प्रतिशत अधिक है। भारत ने जिन देशों को किलर हथियारों का निर्यात किया उनमें से फिलीपीन्स और आर्मीनिया प्रमुख देश हैं। आपको बता दें कि भारत ने ब्रह्मोस मिसाइल, पिनाका रॉकेट सिस्टम, हेलीकॉप्टर, गश्ती जहाज, मानव रहित सिस्टम, रडार, सिमुलेटर, विस्फोटक का निर्यात किया।
भारत में इन आधुनिक हथियारों के निर्माण की क्षमता में काफी बढ़ोतरी हुई है। भारत ने दुनिया के 85 देशों को डिफेंस प्रॉडक्ट का निर्यात किया है। भारत की कुल 100 कंपनियां हैं जो लगातार डिफेंस प्रॉडक्ट का निर्यात कर रही हैं। इसमें 155 एमएम की एडवांस तोप, ब्रह्मोस मिसाइल, पिनाका राकेट सिस्टम आदि कई हथियार शामिल है। अमेरिका, फ्रांस और इजरायल की कंपनियां बड़े पैमाने पर अब कई उपकरणों को भारत में बनवा रही हैं। भारत के हथियारों के निर्यात में यह तेजी इस बात को दर्शा रही है कि अब भारत ने पूरी दुनिया का भरोसा जीत लिया है।
रूस ने जब आर्मीनिया को हथियार देने से किनारा किया तो भारत ने आर्मीनिया का साथ दिया। अभी आर्मीनिया तुर्की, अजरबैजान और पाकिस्तानी नेक्सस का सामना कर रही है। आर्मीनिया ने भारत से पिनाका रॉकेट सिस्टम और लंबी दूरी तक मार करने वाली तोप, एंटी ड्रोन सिस्टम् खरीदी है। वहीं यदि फिलीपीन्स की बात करें तो वह चीन के खतरे का सामना कर रहा है और दक्षिण चीन सागर में संघर्ष के हालात बनते दिख रहे हैं। इसी कारण कुछ समय पहले ही फिलीपीन्स ने भारत से ब्रह्मोस मिसाइल खरीदी थी।
अधिक मांग के कारण भारत ने साल 2025 तक 5 अरब डॉलर के हथियारों के निर्यात का लक्ष्य रखा है। इससे भारत में हथियारों के निर्माण में तेजी आएगी। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि आंकड़े बताते हैं कि वित्त वर्ष 2013-14 की तुलना में पिछले 10 वर्षों में रक्षा निर्यात 31 गुना बढ़ गया है। मंत्रालय ने जोर देकर कहा, "यह वृद्धि भारतीय रक्षा उत्पादों और प्रौद्योगिकियों की वैश्विक स्वीकार्यता का प्रतिबिंब है।”