India's First Selfie : आज के दौर में चाहे किसी भी उम्र के लोग क्यों न हो, वे सभी यादों को अपने कैमरे में कैद करना चाहते हैं। आज बच्चों से लेकर बड़ों तक, सभी के हाथ में अपना स्मार्टफोन है। चाहे गांव हो या शहर, सेल्फी और कैमरा फोन आज हर घर तक पहुंच चुका है। ऐसे में क्या आपने कभी सोचा है कि भारत में पहली सेल्फी किसने और कब ली थी? इसी के बारे में आज हम आपको कुछ दिलचस्प बातें बताने जा रहे हैं।
आज जो भी चीज आप इस्तेमाल कर रहे हैं, उसकी खोज कभी न कभी तो हुई ही होगी। ठीक इसी तरह एक समय ऐसा भी था, जब सेल्फी लेना कोई आम बात नहीं था। आपको बता दें कि भारत में पहली सेल्फी साल 1880 में ली गई थी। केवल यही नहीं, इसके लिए बकायदा उन्होंने एक खास उपकरण की मदद भी ली थी।
19वीं सदी में त्रिपुरा महाराजा बीर चंद्र माणिक्य और उनकी रानी महारानी खुमान चानू मनमोहिनी देवी का घर था। महाराजा न केवल एक वास्तुकार थे जिन्होंने अगरतला का आधुनिकीकरण किया बल्कि फोटोग्राफी के क्षेत्र में भी अग्रणी थे। दरअसल, साल 1880 में त्रिपुरा के महाराजा बीर चंद्र माणिक्य ने ही पहली सेल्फी ली थी। उनके साथ महारानी खुमान चानु मनमोहिनी देवी भी थी, और महाराजा-महारानी दोनों को ही फोटोग्राफी और कला में काफी दिलचस्पी थी।
महाराजा बिर चंद्र माणिक्य और महारानी खुमान चानु मनमोहिनी देवी को भारत में पहली सेल्फी लेने का श्रेय जाता है। इस दौरान राजा के हाथ में लिवर था, जो कि एक वायर के जरिए कैमरे से जुड़ा हुआ था। तस्वीर लेने के लिए लिवर को खींचा गया था। आपको जानकर हैरानी होगी कि वे देश के ऐसे दूसरे शाही व्यक्ति थे, जिनके पास उस जमाने में कैमरा हुआ करता था। इससे पहले इंदौर के राजा दीन दयाल के पास ही कैमरा हुआ करता था।