Inheritance tax : हाल ही में कांग्रेस के एक नेता जिनका नाम सैम पित्रोदा है, उन्होंने विरासत टैक्स को लेकर एक बयान दिया है। पित्रोदा जी ने जिस विरासत टैक्स सिस्टम को लेकर बयान दिया है उसे लेकर अब एक नया विवाद खड़ा हो गया है। अब जनता के मन में इस टैक्स को लेकर काफी सवाल उठ रहे हैं कि आखिर ये विरासत टैक्स क्या होता है? तथा ये टैक्स कहां और कैसे लगता है? आइए पहले जानते हैं कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने विरासत टैक्स को लेकर क्या कहा और इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने पलटवार करते हुए कांग्रेस और विरासत को लेकर क्या बयान दिए।
विरासत टैक्स एक तरह से संपत्ति पर एक टैक्स है, जिसमें किसी मृत व्यक्ति से पैसा या घर किसी को विरासत में मिला है तो जिस व्यक्ति को संपत्ति विरासत में मिलती है, वह टैक्स का भुगतान करता है। टैक्स की दरें विरासत में मिली संपत्ति और मृतक के साथ उत्तराधिकारी के रिश्ते के पर अलग-अलग होती है। आमतौर पर आप मृतक के जितना करीब होंगे, आपको यह टैक्स चुकाने की संभावना उतनी ही कम होगी। पति- पत्नी को हमेशा विरासत टैक्स का भुगतान करने से छूट दी जाती है।
भारत में विरासत टैक्स नाम से कोई भी टैक्स सरकार नहीं वसूलती है। भारत का टैक्स सिस्टम उम्र के हिसाब से बांटा गया है, जिसमें 60 वर्ष से नीचे वालों के लिए अलग प्रावधान और छूट है, जबकी 60 से 80 उम्र वालों के लिए अलग व्यवस्था है। जबकि अमेरिका के टैक्स सिस्टम की बात करें तो वहां सिंगल व्यक्ति के लिए अलग प्रावधान है, जिसमें अनमैरिड और डिवोर्स ले चुके लोग आते हैं। वहीं विवाहित जोड़े के लिए ज्वाइंट इनकम के आधार पर अलग से टैक्स सिस्टम तैयार किया गया है।
सैम पित्रोदा ने इस कानून की वकालत करते हुए कहा कि यह कानून कहता है कि आपने अपने जीवन में जो भी संपत्ति बनाई, जब आप इस दुनिया से जा रहे हैं तो आपको इस संपत्ति का आधा हिस्सा जनता के लिए छोड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह एक निष्पक्ष कानून है और मुझे अच्छा लगता है। भारत में ऐसा नहीं है। भारत में किसी के पास 10 अरब की संपत्ति है और वह मर गया तो उसके बच्चों को पूरी प्रॉपर्टी मिल जाती है, इसमें से जनता को कुछ नहीं मिलता।