बूढ़ों का देश बनता जा रहा है जापान, क्या बचा पाएगा अपना भविष्य?

क्या आपको पता है कि जापान खुद को विकसित तो कर चुका है लेकिन इसे भोगने के लिए उसके पास उसकी अगली पीढ़ी ही नहीं है। जापान में बूढ़ों की संख्या काफी अधिक है और आने वाले समय में ऐसा माना जा रहा है कि जापान में एक भी बच्चा नजर नहीं आएगा।
पूरी दुनिया में यदि सबसे ज्यादा कोई देश विकसित है तो वह है जापान। [Pixabay]
पूरी दुनिया में यदि सबसे ज्यादा कोई देश विकसित है तो वह है जापान। [Pixabay]
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पूरी दुनिया में यदि सबसे ज्यादा कोई देश विकसित है तो वह है जापान। विश्व युद्ध के दौरान जापान के हिरोशिमा और नागासाकी में जब अमेरिका ने बम गिराया था तब सबको लग रहा था कि जापान पूरी तरह से मिट्टी में मिल जाएगा लेकिन जापान इतने बड़े हादसे के बाद खुद को इतनी जल्दी विकसित कर लेगा इसका अनुमान किसी को नहीं था। आज जापान टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में हो या फिर इकोनॉमी के क्षेत्र में हर चीज में आगे है। जो चीज बाकी देश करने की सोच रहे होते हैं वह पहले से ही जापान कर चुका है चाहे बुलेट ट्रेन बनाना हो या फिर कोई टेक्नोलॉजिकल डिवाइस। लेकिन क्या आपको पता है कि जापान खुद को विकसित तो कर चुका है लेकिन इसे भोगने के लिए उसके पास उसकी अगली पीढ़ी ही नहीं है। जापान में बूढ़ों की संख्या काफी अधिक है और आने वाले समय में ऐसा माना जा रहा है कि जापान में एक भी बच्चा नजर नहीं आएगा, लेकिन ऐसा क्यों? आईये जानते हैं।

आंकड़े क्या कहते हैं?

जापान में जन्मदर को लेकर पहले से ही काफी समस्या थी पर अब वह इस हद तक बढ़ गई है, की उनके ही एक जनसंख्या विशेषज्ञ ने जापान को चेतावनी दी, की ऐसे ही चलता रहा तो 14 जनवरी 2720 के आने तक जापान में 14 साल उम्र के नीचे तक का केवल एक बच्चा बचेगा। तोहोकू विश्वविद्यालय, जापान का प्रसिद्ध और सम्मानित विश्वविद्यालय है। इस जगह कार्यरत एक प्रोफेसर हिरोशी योशीदा ने, वास्तविक समय में जापान की जनसंख्या दर्शाने वाली डिजिटल घड़ी का निर्माण किया है, और इसका उपयोग कर उन्होंने डेटा कलेक्ट किया, जो जापान की छोटे बच्चों की जनसंख्या में भारी गिरावट दर्शा रहा है। जापान के लिए यह गंभीर चिंता का विषय बन गया है। 2023 से लेकर अब तक इसमे 1.20 गिरावट देखि गई है।

 जापान की छोटे बच्चों की जनसंख्या में भारी गिरावट दर्शा रहा है। [Pixabay]
जापान की छोटे बच्चों की जनसंख्या में भारी गिरावट दर्शा रहा है। [Pixabay]

जापान में बढ़ती बूढ़ी आबादी का क्या कारण हैं?

एक रिपोर्ट के अनुसार जापान में आने वाले समय में एक भी बच्चा नजर नहीं आएगा। जापान में बच्चे पैदा होने की दर बड़ी तेजी के साथ गिरती नजर आ रही है और इसका असर यह हो रहा है कि जापान में बूढ़ों की संख्या काफी अधिक बढ़ती जा रहे हैं। एक्सपर्ट्स की माने तो 2720 तक आते-आते जापान में केवल और केवल बूढ़े ही नजर आएंगे। आईए जानते हैं कि इनके क्या कारण हैं?

एक रिपोर्ट के अनुसार जापान में आने वाले समय में एक भी बच्चा नजर नहीं आएगा। [Pixabay]
एक रिपोर्ट के अनुसार जापान में आने वाले समय में एक भी बच्चा नजर नहीं आएगा। [Pixabay]

परमाणु बम का नकारात्मक प्रभाव

जापान एक खतरनाक हादसे का शिकार रहा है। अमेरिका के द्वारा परमाणु बम गिराए जाने के बाद जापान ने खुद को बड़ी तेजी के साथ विकसित तो कर लिया लेकिन इन परमाणु बम के असर आज तक जापान में देखने को मिलते हैं। हिरोशिमा और नागासाकी यह दो शहर जापान के उन शहरों में से हैं जहां आज भी बच्चे पैदा होते ही या तो किसी खतरनाक बीमारी के शिकार हो जाते हैं या फिर अपंग रह जाते हैं। परमाणु बम ने जापान को पूरी तरह से बर्बाद तो नहीं किया लेकिन जापान में पैदा होने वाली पीढियों के लिए और उनके स्वास्थ्य के लिए सोचने पर मजबूर जरूर कर दिया। जापान में आज यदि बर्थ रेट यानी की जन्म दर बड़ी तेजी के साथ घटती नजर आ रही है तो उसका एक कारण परमाणु बम का असर भी है।

परमाणु बम के असर आज तक जापान में देखने को मिलते हैं। [Wikimedia Commons]
परमाणु बम के असर आज तक जापान में देखने को मिलते हैं। [Wikimedia Commons]


आर्थिक तंगी

जापानी युवा, विशेषकर पुरुष, अनिश्चित और कम कमाई वाली नौकरियों में फंसे हैं—लगभग 40% workforce अस्थायी रोजगार पर निर्भर। बढ़ती महंगाई और कम वेतन वृद्धि ने परिवार शुरू करने को जोखिम भरा बना दिया है ।शादी में देरी और स्थिर जीवन की कमी, भ्रूण-विरोधी छवि के साथ मिलकर, जन्म दर को और नीचे खींच रहे हैं ।जापान में बच्चों की शिक्षा और पालन-पोषण काफी महंगा है। आर्थिक अस्थिरता के चलते कई कपल बच्चे पैदा करने से डरते हैं।

काम का दबाव

जापान में लंबे कार्य घंटे, ओवरटाइम, और काम का दबाव (Continued corporate pressure) महिलाओं के लिए मातृत्व और करियर का संतुलन बहुत कठिन बनाते हैं । अधिकांश मामले में महिलाओं पर घर और बच्चों की ज़िम्मेदारी होती है, जबकि पुरुष इसमें भागीदार नहीं। हर बच्चा मादा कर्मचारियों के लिए “रुकावट” माना जाता है, जिससे वे परिवार बनाने से बचती हैं।

जापान में लंबे कार्य घंटे, ओवरटाइम, और काम का दबाव (Continued corporate pressure) महिलाओं के लिए मातृत्व और करियर का संतुलन बहुत कठिन बनाते हैं । [Pixabay]
जापान में लंबे कार्य घंटे, ओवरटाइम, और काम का दबाव (Continued corporate pressure) महिलाओं के लिए मातृत्व और करियर का संतुलन बहुत कठिन बनाते हैं । [Pixabay]


शादी में दिलचस्पी की कमी

एक सर्वे के दौरान यह भी मालूम चला कि जापान के लोग अपने खुद की वृद्धि पर तो ध्यान देते हैं लेकिन शादी जैसी चीजों पर उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है। वहां की युवा पीढ़ी शादी जैसे बंधन में रहना नहीं चाहते और जिन्होंने शादी की है वह अपने आर्थिक जिम्मेदारियां से वैसे ही परेशान है और बच्चे के का खर्च उठाने के लिए तैयार नहीं है। जापान में युवाओं के रिलेशनशिप और शादी जैसी चीजों से काफी दूरी हो चुकी है जिसके कारण वे लोग परिवार जैसी चीजों पर ध्यान ही नहीं देते।

एक सर्वे के दौरान यह भी मालूम चला कि जापान के लोग अपने खुद की वृद्धि पर तो ध्यान देते हैं लेकिन शादी जैसी चीजों पर उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है। [Pixabay]
एक सर्वे के दौरान यह भी मालूम चला कि जापान के लोग अपने खुद की वृद्धि पर तो ध्यान देते हैं लेकिन शादी जैसी चीजों पर उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है। [Pixabay]

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जापान जैसे विकसित देश में लोगों की दिलचस्पी केवल काम के ही ऊपर रह गई है। जापान रोबोटिक का देश है जहां के लोग भी रोबोट की तरह ही काम करते हैं और परिवार जैसे कॉन्सेप्ट से काफी दूरी बनाकर रखते हैं ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा की 2720 तक जापान में एक भी बच्चा नजर नहीं आएगा केवल ओवर टाइम करते हुए बूढ़े नजर आएंगे। [Rh/SP]

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