पिता का कारोबार छोड़ कर खोल दिया एक सोने की दुकान, आज पूरे देशभर में है मशहूर
Kalyan Jewellers Success Story : सपने कितने ही बड़े क्यों न हो यदि उसे पूरा करने का लग्न और मेहनत करने की क्षमता है तो वह सपने एक दिन जरूर पूरे हो जाते हैं। कई लोग जमीन से शुरुआत करके आसमान की ऊंचाईयों पर पहुंच जाते हैं। इन्हीं लोगों में से एक हैं व्यापार घराने के कल्याणरमन। परिवार का अपना बिजनेस होने के बाद भी उन्हें अपना खुद का व्यापार शुरू करने की इच्छा थी।
अपने सपने पूरे करने के लिए उन्होंने लोन लेकर सोने की एक दुकान खोली जो आज ज्वैलरी का बड़ा ब्रांड बन चुका है। देश के साथ ही विदेशों में भी कल्याण ज्वैलर्स के 30 शोरूम है। इन देशों में कतर, कुवैत, यूएई, ओमान जैसे देश शामिल हैं। आज कल्याण ज्वैलर्स का मार्केट कैप 17,000 करोड़ रुपये है।
12 साल की उम्र से सीखा कारोबार करना
देश भर में मशहूर कल्याण ज्वैलर्स के देश में कई शहरों में ब्रांच हैं। इस ज्वैलरी ब्रांड का नाम सभी ने सुना होगा ही जिसकी सफलता की कहानी प्रेरणा से भरी है। 23 अप्रैल, 1947 को केरल के त्रिशूर में कल्याणरमन का जन्म हुआ था। उनके पिताता जी टीआर सीतारम्मैया कपड़ों के बड़े कारोबारी थे। इनके दादा पुजारी थे परंतु बाद में वे भी कारोबार करना शुरू कर दिए। 12 साल की उम्र से ही कल्याणरमन ने अपने पिता के साथ बिजनेस की सारी बातें सीखनी शुरू कर दी थी। वे पिता के साथ मिल कर उनका हाथ बटाते थे।
खुद के दम पर हासिल किया यह सफलता
घर में पिता का बड़ा कारोबार होने के बाद भी कल्याणरमन को कपड़ों के कारोबार में रूचि नहीं थी। वे अपना बिजनेस शुरू करना चाहते थे जिसके लिए उन्होंने पढ़ाई के बाद काम करके 25 लाख रुपये का फंड जमा कर लिया। वे सोने की दुकान खोलना चाहते थे। जिसके लिए जमा किया गया फंड कम था इसी कारण उन्होंने बैंक से पचास लाख रुपये का लोन लिया। लोन के पैसे और अपने पास जमा राशि से कल्याणरमन ने त्रिशूर में कल्याण ज्वैलर्स नाम से ज्वैलरी शॉप शुरू किया और सफल बनाने के लिए पूरी जान लगा दी। आज देश के कई राज्यों में कल्याण ज्वैलर्स की 200 से अधिक दुकानें हैं।

