Kamasutra : पूरी दुनिया के लोग इन दिनों वैलेंटाइन वीक मना रही है। वेलेंटाइन डे पर प्रेमी युगल एक दूसरे के साथ समय बिताते है और एक दूसरे को खुश करने के लिए तरह तरह की चीजे करते है। प्राचीन भारत में प्रेम का इज़हार करने के लिए एक मदनोत्सव नामक उत्सव मनाया जाता था। उस जमाने में प्यार, और प्यार के बाद संबंधों को लेकर एक ग्रंथ की रचना की गई। ये रचना महर्षि वात्साययन द्वारा की गई थी, जिसका नाम था कामसूत्र, जो अपने रचना को लेकर दुनियाभर में काफी मशहूर है।
कहा जाता है कि ये किताब प्यार के बारे में बहुत सी ऐसी जानकारियां देती है, जो आज भी सदियों बाद प्रासंगिक है। बनारस में काफी वक्त गुज़ारने वाले वात्स्यायन ऋषि को बहुत ज्ञानी माना जाता है जिन्हें वेदों की भी बहुत अच्छी समझ थी। आज हम उन्हीं के बारे में आपको बताएंगे।
महर्षि वात्स्यायन ने पहली बार वैज्ञानिक तौर पर बताया कि आकर्षण का विज्ञान आखिर क्या होता है? उनका मानना था कि जिस तरह हम जीवन से जुड़े तमाम पहलुओं की बात करते हैं, उसी तरह हमें संभोग की भी जानकारी होनी चाहिए। वात्स्यायन धार्मिक शिक्षाओं से जुड़े हुए थे इसीलिए महर्षि जी प्यार और संभोग पर एक किताब की रचना की और कहा जाता है कि वात्स्यायन ने कामसूत्र को नगरवधुओं से बात करके लिखा गया था। मशहूर लेखिका वेंडी डोनिगर ने अपनी किताब "रिडिमिंग द कामसूत्रा" में विस्तार से महर्षि वात्सयायन के बारे में भी बताया है। कामसूत्र की असल किताब जीवन जीने की कला के रूप में देखना चाहिए।
इतिहासकारों के मुताबिक वात्स्यायन का मानना था कि प्यार और संभोग जैसे जरूरी विषय पर छुप छुपाकर नहीं खुलकर चर्चा होनी चाहिए। इसको अनदेखा नहीं करना चाहिए। उन्होंने अपने किताब के माध्यम से इस बात को सुनिश्चित करने की कोशिश की कि लोग इस संबंध में बेहतर जानकारी हासिल कर सकें। वात्स्यायन महान दार्शनिक भी थे। उन्होंने न्याय सूत्र नामक किताब भी लिखी। ये किताब आमतौर पर आध्यात्मिक उदारवाद पर थी जो जन्म और जीवन पर आधारित है। ये मोक्ष की भी बात करती है। ये एक अनमोल किताब है, जो ये बताती है कि वात्स्यायन कितनी विलक्षण बुद्धि के थे हालांकि उनकी लिखी इस किताब पर ज्यादा चर्चा नहीं हुई।