न्यूजग्राम हिंदी: क्या कभी भी किसी भी प्रकार का विरोध (Protest) काम का साबित हो सकता है। आपमें से अधिकतर लोग इस सवाल का जवाब हां में देंगे। तो आइए जानते हैं भारत में हुए ऐसे पांच विरोधों के बारे में जिन्होंने भारतीय कानून (Indian Laws) में बड़े बदलाव लाएं।
• दिल्ली गैंग रेप (Delhi Gang Rape): यौन उत्पीड़न और पीड़ित पक्ष की मेडिकल जांच आदि जैसे संशोधन दिल्ली गैंग रेप विरोधों का ही परिणाम हैं। इसे आपराधिक कानून संशोधन 2013 The Criminal Law (Amendment) Act, 2013 उर्फ निर्भया अधिनियम (Nirbhaya Act) के संशोधन में शामिल किया गया।
• कृषि विधेयक का विरोध (Farmers bill protest): इस बिल के आने के बाद किसानों ने 1 साल से अधिक वर्ष तक दिल्ली (Delhi) में इस बिल का विरोध किया जिसके कारण इस बिल को वापस ले लिया गया।
• अन्ना आंदोलन (Anna Andolan): इस आंदोलन को भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन भी कहा गया। इस आंदोलन का उद्देश्य राजनीति के कारण हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ कानून बनाना और उन्हें पूरी तरह लागू करना था। इसके बाद 2013 में लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम लागू किया गया।
• तेलांगना राज्य का आंदोलन (Telangana state Movement): तेलंगाना को आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) से अलग कर दिया गया क्योंकि वहां पर बजट आवंटन, पानी, रोजगार, पिछड़ेपन और अन्य कुछ कारणों से आंदोलन हो रहे थे।
• अग्निपथ योजना का विरोध (Agnipath Scheme Protest): भर्ती की आयु सीमा से 21-23 वर्ष का बदलाव किया गया।
सीएपीएफ, रक्षा मंत्रालय की नौकरियों और असम राइफल्स में 10% कोटा प्रदान किया गया।
बीएसएफ, सीएपीएफ, सीआरपीएफ और सीआईएसएफ जैसी नौकरियों के लिए ऊपरी सीमा 26 वर्ष कर दी गई।
क्या आपने कभी सोचा है कि क्या आपको विरोध करने का अधिकार है? हमारा संविधान (Constitution) का अनुच्छेद 19 (1)(a), (b), (C) हमें शांतिपूर्ण विरोध करने का अधिकार देता हैं।
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