Citizenship Amendment Act : इस कानून को लेकर लोगों के बीच अभी भी भ्रम है और इसी कारण इस कानून के विरोध में कई प्रदर्शन होते रहते हैं लेकिन अब केंद्र सरकार ने सोमवार को सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इसके साथ ही यह कानून देशभर में लागू हो गया है। सीएए के ऑनलाइन पोर्टल को रजिस्ट्रेशन के लिए तैयार कर लिया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसका ड्राई रन भी कर लिया है। सीएए इन पड़ोसी देशों के उन शरणार्थियों की मदद करेगा जिनके पास दस्तावेज नहीं हैं। मंत्रालय को लंबी अवधि के वीजा के लिए सबसे ज्यादा आवेदन पाकिस्तान से मिले हैं। आइए जानते हैं सीएए कानून क्या है।
सीएए नागरिकता से जुड़ा एक कानून है। इसके लागू होने के बाद तीन पड़ोसी मुस्लिम बाहुल्य देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए उन लोगों को भारतीय नागरिकता मिल जाएगी, जो प्रताड़ना या शोषण का शिकार होकर दिसंबर 2014 तक भारत आए।
नागरिकता कानून 1955 के अनुसार अवैध प्रवासियों को भारत की नागरिकता नहीं मिल सकती है। इस कानून के अनुसार उन लोगों को अवैध प्रवासी माना गया है जो भारत में वैध यात्रा दस्तावेज जैसे पासपोर्ट और वीजा के बिना घुस आए हों या फिर वैध दस्तावेज के साथ भारत में आए लेकिन उसमें दी गई अवधि से ज्यादा समय तक यहां रुक गए हों।
दस्तावेज न मिलने पर अवैध प्रवासियों को या तो जेल में रखा जा सकता है या फिर विदेशी अधिनियम, 1946 और पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम, 1920 के तहत वापस उनके देश भेजा जा सकता है। परंतु केंद्र सरकार ने कानून में संशोधन किया और अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और क्रिस्चियन को छूट दे दी है। अर्थात इन धर्मों के लोग अगर भारत में वैध दस्तावेजों के बगैर भी रहते हैं तो उनको न तो जेल में डाला जा सकता है और न उनको निर्वासित किया जा सकता है। यह छूट केवल उन लोगों को प्राप्त है जो 31 दिसंबर, 2014 को या उससे पहले भारत पहुंचे हैं।
इसका आवेदन ऑनलाइन होगा। आवेदक को बताना होगा कि वे भारत कब आए। वे पासपोर्ट या अन्य यात्रा दस्तावेज न होने पर भी आवेदन कर पाएंगे। इसके तहत भारत में रहने की अवधि 5 साल से अधिक रखी गई है। बाकी विदेशियों मुस्लिम के लिए यह अवधि 11 साल से अधिक है।