ज्ञानवापी परीसर में मिले ‘शिवलिंग' को सुरक्षित रखने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आज बरक़रार रखा।
कोर्ट ने कहा है की अगले आदेश तक शिवलिंग को कोई नहीं छुएगा।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा 17 मई को एक अंतरिम आदेश के तहत ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) के उस क्षेत्र की रक्षा करने का निर्देश दिया था जहां 'शिवलिंग' पाया गया था और नमाज के लिए मुसलमानों को प्रवेश प्रदान किया गया था जिससे की पार्टियां कानूनी उपायों को आगे बढ़ा सकें।
हिंदू (Hindu) पक्षकारों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने शीर्ष अदालत के समक्ष 'शिवलिंग' की रक्षा के अंतरिम आदेश की अवधि बढ़ाने की मांग करते हुए मामले का उल्लेख किया।
जैन ने कहा कि अंतरिम आदेश 12 नवंबर को समाप्त हो रहा है और इसे बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने यह भी बताया कि मुस्लिम पक्षकारों द्वारा दायर आदेश 7 नियम 11 (रिजेक्शन ओएफ प्लेन्टिफ्स) आवेदन को खारिज कर दिया गया था।
वाराणसी (Varanasi) जिला अदालत ने सितंबर में कहा था कि पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 के तहत मुकदमा प्रतिबंधित नहीं है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ज्ञानवापी परिसर के ASI सर्वे कराने की मांग पर 28 नवंबर को सुनवाई करेगी। वहीं शृंगार गौरी और ज्ञानवापी मस्जिद मामले में जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश ने सुनवाई की अगली तारीख 5 दिसंबर है।
दरअसल, देश की सबसे बड़ी अदालत ज्ञानवापी परिसर में मिली शिवलिंग जैसी रचना को संरक्षित रखने से जुड़े आदेश को आगे बढ़ाने की मांग पर आज सुनवाई हुई। वहीं हाईकोर्ट में निचली अदालत से दिए गए सर्वेक्षण के आदेश के खिलाफ सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को छूट दी है कि वो जिला कोर्ट के पास जाएं और अपनी दलील जिला जज को बताएं। जिसके बाद जिला जज तय करेंगे कि सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई हो। साथ ही कोर्ट की तरफ़ से हिंदू पक्ष को अपना पक्ष रखने के लिए 3 हफ्ते का समय दिया गया है।
RS