Millet Ice Cream : जंक फूड से लोगों को तमाम तरह की दिक्कतें होने लगी हैं इसलिए आजकल लोग अपने स्वास्थ के लिए खान - पान में बहुत सावधानी बरत रहे है। इसी कारण बहुत सारे लोग अब मिलेट्स खाना शुरू कर रहे हैं। सरकार भी मिलेट्स को काफी बढ़ावा दे रही है।कई स्टार्टअप भी हैं जो मिलेट्स को अपना बिजनेस बना चुकी है, ऐसा ही एक स्टार्टअप का नाम कृषिका है जो मिलेट्स की आइसक्रीम बनाती है। दिल्ली में हुए जी20 सम्मेलन में दुनिया भर के लीडर्स पहुंचे थे।इस सम्मेलन में कृषिका भी अपना स्टॉल लगाई थी। वहां कृषिका की आइसक्रीम को दुनिया भर के लीडर्स ने चखा और तारीफ भी किया।
आइसक्रीम तो बहुत तरह की मिलती हैं, लेकिन मिलेट्स से स्वादिष्ट आइसक्रीम बनाना एक इनोवेटिव आइडिया है। हाल ही में उत्तराखंड के काशीपुर आईआईएम में एक स्टार्टअप मेला लगा था, जिसमें देश भर के कई स्टार्टअप पहुंचे थे। फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड आंत्रप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट और आईआईएम काशीपुर हर साल उत्तिष्ठा नाम से स्टार्टअप मेला लगाते हैं। इसमें कृषिका भी पहुंचा था और वहां उसे आईआईएम काशीपुर की तरफ से 25 लाख रुपये का ग्रांट मिला है। ग्रांट का मतलब है कि स्टार्टअप को यह पैसे वापस नहीं चुकाने होते हैं। इन पैसों से वे अपने बिजनेस को बढ़ाने में करेगा।
प्रतिभा पिछले कई सालों से मिलेट प्रोडक्ट के बिजनेस में हैं। वे मिलेट के तमाम फायदों के बारे में भली भाती जानती है। सरकार ने इसे बढ़ावा दिया, तो लोग मिलेट के फायदों को समझते हुए इसकी ओर आकर्षित होने लगे। प्रतिभा ने देखा कि ज्यादातर बच्चे और युवा मिलेट्स खाने से हिचक रहे थे। 40-50 साल या उससे अधिक उम्र के लोगों को तो स्वास्थ्य के फायदे गिनाकर मिलेट खिलाए जा सकते हैं, लेकिन बच्चे और युवा को खिलाना मुश्किल है।
अप्रैल 2022 में मध्य प्रदेश में रहने वाली प्रतिभा तिवारी ने ये प्रोडक्ट अभी दक्षिणी दिल्ली, हैदराबाद के कुछ मॉल, भोपाल और मुंबई में उपबल्ध है। कंपनी अपने इस प्रोडक्ट को ऑनलाइन नहीं बेच रही है। इस बिजनेस को शुरू करने के लिए प्रतिभा ने 10 लाख रुपये का निवेश किया है,उसी में से मशीनों लगवाए। इस स्टार्टअप का करीब 350 किसानों के साथ बायबैक कॉन्ट्रैक्ट है। इसके तहत यह स्टार्टअप किसानों को बीज, टेक्नोलॉजी और जरूरी मदद मुहैया कराता है और उनसे प्रोडक्ट खरीदती है।