Most Expensive Feather :  एक छोटा सा पंख 23 लाख 66 हजार रुपये में नीलाम हुआ है। (Wikimedia Commons)
Most Expensive Feather : एक छोटा सा पंख 23 लाख 66 हजार रुपये में नीलाम हुआ है। (Wikimedia Commons)

दुनिया का सबसे महंगा पंख, नीलामी के दौरान टूट गए सारे रिकॉर्ड

न्‍यूजीलैंड में एक पंख की नीलामी हुई। इस दौरान शुरुआत में इस पंख की कीमत 3000 डॉलर मिलने उम्मीद जताई गई थी। लेक‍िन नीलामी के सारे रिकॉर्ड टूट गए और यह पिछले रिकॉर्ड से 450 फीसदी ज्‍यादा कीमत पर बिका।
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Most Expensive Feather : श्री कृष्ण का मुकुट हमेशा मोर पंख से सजा होता है। मोर पंख का धार्मिक महत्त्व तो है ही लेकिन इसके अलावा शास्‍त्रों में मोर पंख से जुड़ी कई प्रकार की कहान‍ियां भी कही गई हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे पक्षी के पंख के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका एक छोटा सा पंख 23 लाख 66 हजार रुपये में नीलाम हुआ है। आज हम जाएंगे कि इस पक्षी में आख‍िर ऐसा क्‍या खास है, जो इसकी इतनी कीमत लगाई गई है।

मुकुट पर सजाकर पहना जाता है इसे

दरहसल, यह पंख न्यूजीलैंड के हुइया पक्षी का है, जो दशकों पहले लुप्‍त हो चुका है। हुआया पक्षी को माओरी लोगों के लिए पवित्र माना जाता था। यह वेटलबर्ड फैमिली का एक छोटा सा पक्षी था। इसके पंख बेहद सुंदर होते थे, जिसके क‍िनारों पर सफेद टिप लगी होती थी। इनके पंखों को प्रमुखों और उनके परिवारों द्वारा मुकुट पर सजाकर रखते थे। यहां तक क‍ि ग‍िफ्ट के रूप में भी इसे दिया जाता है। इसकी वजह से इसका व्‍यापार भी खूब होता था।

 सिर्फ म्‍यूज‍ियम के लोगों को देखने की अनुम‍त‍ि थी, जिन लोगों के पास लाइसेंस था। (Wikimedia Commons)
सिर्फ म्‍यूज‍ियम के लोगों को देखने की अनुम‍त‍ि थी, जिन लोगों के पास लाइसेंस था। (Wikimedia Commons)

लाखों में बिका एक पंख

न्‍यूजीलैंड में एक पंख की नीलामी हुई। इस दौरान शुरुआत में इस पंख की कीमत 3000 डॉलर मिलने उम्मीद जताई गई थी। लेक‍िन नीलामी के सारे रिकॉर्ड टूट गए और यह पिछले रिकॉर्ड से 450 फीसदी ज्‍यादा कीमत पर बिका। इसकी नीलामी 28,417 अमेर‍िकन डॉलर यानी लगभग 23 लाख 66 हजार रुपये में हुई। न्यूज़ीलैंड के संग्रहालय के अनुसार, इसके अंतिम बार हुआया पक्षी 1907 में देखा गया था।

देखने के लिए लाइसेंस जरूरी

नीलामी में डेकोरेशन ऑर्ट की प्रमुख लीह मॉरिस ने कहा कि यह पंख अद्भुत स्‍थ‍ित‍ि में था। अभी भी इसकी चमक नहीं गई। इसे कीड़ों से कोई नुकसान नहीं हुआ था। इसे यूवी सुरक्षात्मक ग्लास में फ्रेम करके रखा गया है। सिर्फ म्‍यूज‍ियम के लोगों को देखने की अनुम‍त‍ि थी, जिन लोगों के पास लाइसेंस था। ऐसे लोग कल्‍चर मिनि‍स्‍ट्री की अनुमत‍ि के बगैर देश छोड़कर नहीं जा सकते।

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