Nuclear City : 1959 में शीत युद्ध के दौरान यूरोपीय संघ और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ता जा रहा था और अनुमान लगाया जा रहा था की दोनों के मध्य तीसरा विश्वयुद्ध छिड़ सकता है। ऐसे में अमेरिकी सैन्य अधिकारियों ने प्रोजेक्ट आइसवर्म के तहत ग्रीनलैंड में बर्फ की चादर के 8 मीटर नीचे सुरंग बनाई,जिसका उद्देश्य ग्रीनलैंड की बर्फ की चादर के नीचे मोबाइल परमाणु मिसाइल प्रक्षेपण स्थलों का एक नेटवर्क बनाना था, जो पहले हमले से बच सके। यहीं पर सैकड़ों बैलिस्टिक मिसाइलों को छुपाकर रखा गया, ताकि जरूरत होने पर यहीं से दुश्मन देश पर परमाणु हमला किया जा सके।
संयुक्त राज्य अमेरिका की सेना द्वारा " कैंप सेंचुरी " नामक एक परियोजना स्थल शुरू किया गया था। गुप्त प्रोजेक्ट आइसवॉर्म 4,000 किलोमीटर लंबी सुरंगों की एक प्रणाली थी, जिसका उपयोग 600 परमाणु मिसाइलों को तैनात करने के लिए किया जाता था, जो परमाणु युद्ध की स्थिति में भी सोवियत संघ तक पहुंचने में सक्षम होतीं । मिसाइल के स्थान ग्रीनलैंड की बर्फ की चादर की आड़ में होंगे और उन्हें समय-समय पर बदला जाना चाहिए।
बेस में एक अस्पताल, स्कूल और मूवी थियेटर की सुविधा होगी , और इसे पूरी तरह से निर्मित होने के बाद इंस्टॉलेशन की ऊर्जा की आपूर्ति के लिए दो और परमाणु जनरेटर प्राप्त करने के लिए निर्धारित किया गया था। यह पूरा परियोजना इतना गोपनीय था कि ग्रीनलैंड को भी दशकों तक पता नहीं चल पाया कि उसकी जमीन के नीचे क्या चल रहा है लेकिन 1966 में अमेरिकी सरकार ने इस योजना पर काम करना बंद कर दिया, लेकिन आपको बता दे की ये जगह आज भी वैसी ही हैं।
खुदाई के तीन साल के भीतर ही कैंप सेंचुरी में काम कर रहे भूवैज्ञानिकों को बर्फ के कोर नमूनों से पता कि ग्लेशियर अनुमान से कहीं अधिक तेजी से आगे बढ़ रहा था और लगभग दो वर्षों में ही सुरंगों और लॉन्च स्टेशनों को नष्ट कर देगा। इस कारण 1965 में यहां सब खाली कर दी गई और परमाणु जनरेटर को भी हटा दिया गया। प्रोजेक्ट आइसवॉर्म रद्द कर दिया गया और कैंप सेंचुरी 1966 में बंद कर दी गई।