ये अफ्रीकी पौधा जो 100 सालों से भी अधिक जीवित रह सकता है, जानें इसकी अन्य खूबियां

इस पौधे को हाफमेन्स या इलीफेंट ट्रंक प्लांट के नाम से भी जाना जाता है। इस पौधे के तने का आकार मानो हाथी की सूंड़ की तरह दिखाई देता है
Pachypodium namaquanum : यह एकल तने वाला पौधा है, जो पूरी तरह से विकसित होने पर पेड़ जैसा रूप प्राप्त कर सकता है। (Wikimedia Commons)
Pachypodium namaquanum : यह एकल तने वाला पौधा है, जो पूरी तरह से विकसित होने पर पेड़ जैसा रूप प्राप्त कर सकता है। (Wikimedia Commons)

Pachypodium namaquanum : पचीपोडियम नामाक्वानमन एक ऐसा पौधा है जो धरती पर सबसे अलग है, इस पौधे को हाफमेन्स या इलीफेंट ट्रंक प्लांट के नाम से भी जाना जाता है। इस पौधे के तने का आकार मानो हाथी की सूंड़ की तरह दिखाई देता है, आपको जानकर हैरानी हो सकती है की ये पेड़ लगभग 100 सालों से भी अधिक जिंदा रह सकता है। इस पेड़ की और भी खूबियां हैं, जिन खूबियों को जरूर जानना चाहिए।

कैसा है ये पौधा दिखने में ?

आपको बता दें कि यह एक साउथ अफ्रीकी पौधा है, जो दिखने में बेहद ही अजीब लगता है और इस पौधे में एक तना होता है, जो 10 फीट लंबा और एक फीट व्यास तक होता है, जो एकदम हाथी की सूंड़ के भाती प्रतीत होता है जिसके शीर्ष पर पत्तियां और फूल निकलते हैं। इस पौधे पर फूल जुलाई से सितंबर महीने तक आते हैं। यह पौधा पूरी नुकीले कांटों से ढका हुआ होता है।

यह पौधा पूरी नुकीले कांटों से ढका हुआ होता है। (Wikimedia Commons)
यह पौधा पूरी नुकीले कांटों से ढका हुआ होता है। (Wikimedia Commons)

सोशल मीडिया पर दिखी इसकी तस्वीर

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस पौधे की तस्वीर को देखने के बाद लोग इसके बारे में जानने के लिए जिज्ञासु हो रहे है साथ ही कैप्शन में बताया गया है कि ये पौधे हमेशा सूर्य की ओर झुके रहते है। इस पौधे को बढ़ने में बहुत समय लगता है। इसलिए इसे धीमी गति से बढ़ने वाला पौधा के नाम से भी जाना जाता है इसे लगभग 16 फीट के अपने पूर्ण आकार तक पहुंचने में कई साल लग सकते हैं। इसके बढ़ने की दर प्राकृतिक कारणों से अलग-अलग जगहों पर अलग हो सकती है। यह एकल तने वाला पौधा है, जो पूरी तरह से विकसित होने पर पेड़ जैसा रूप प्राप्त कर सकता है।

कहां उगता है ये पौधा?

southafrica.net की रिपोर्ट के अनुसार, यह पौधा हर साल लगभग 0.5-1.5 सेमी बढ़ता है, और 100 से अधिक सालों तक जीवित रह सकता है। आमतौर पर ये पौधा अधिक ऊंचाई वाले पहाड़ी इलाकों और चट्टानी रेगिस्तानों में पाया जाता है तथा कम वर्षा वाले इलाकों में भी उग सकता है।

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