Paradoxical Frog : इस दुनिया में कई प्रकार के जीव पाए जाते हैं, कुछ तो बहुत ही अजीबोगरीब होते हैं, ऐसे ही अजीबोगरीब जीवों में से एक है पैराडॉक्सिकल फ्रॉग। जिसका साइंटिफिक नाम स्यूडिस पैराडॉक्सा है। ये मेंढक कीड़ों को खाते हैं और नॉर्थन साऊथ अमेरिका में पाए जाते हैं।
अक्सर जीव शुरू में छोटे होते हैं और जैसे - जैसे वह वयस्क होते है धीरे - धीरे बड़े हो जाते हैं, लेकिन इस मेंढक के साथ ऐसा नहीं है। इसके शरीर में पूरा उल्टा होता है दरअसल, यह जीव शुरुआत में एक बड़ा टैडपोल होता है, लेकिन वयस्क होने के बाद इसका आकार छोटा हो जाता है इसलिए इसे स्रिंकिंग फ्रॉग यानी सिकड़ते मेंढक के रूप में भी जाना जाता है।
इन मेंढकों की ये प्रजाति बहुत ही असामान्य है, ये वयस्क अवस्था की तुलना में लार्वा अवस्था में विशेष रूप से बड़े होते है। आपको यह जान कर हैरानी होगी कि शुरुआती स्टेज में इनका आकार वयस्क होने के साइज से तीन से चार गुना बड़ा होता है। लार्वा अवस्था में इनका आकार 9 इंच (22 सेंटीमीटर) तक का होता है, लेकिन वयस्क होने के बाद इनकी लंबाई 3 इंच (8 सेमी) तक रह जाती है। टैडपोल अधिकतर शैवाल खाते हैं। जब वे बड़े होते हैं, तो वे झीलों और नदियों के किनारे मक्खियाँ, भृंग, असली कीड़े, पौधे चूसने वाले, तितलियाँ, पतंगे का शिकार कर उन्हे खाते है।
2009 में द हर्पेटोलॉजिकल जर्नल में पब्लिश एक स्टडी में बताया गया कि टैडपोल की ग्रोथरेट अन्य प्रजातियों के समान है, लेकिन पैराडॉक्सिकल फ्रॉग बढ़ते और विकसित होते रहते हैं। यह गहरे हरे, जैतून या गहरे भूरे रंग की धारियों या धब्बेदार हरे से भूरे रंग के होते हैं। पैटर्न और रंग काफी भिन्न होता है। इनके टैडपोल सिकुड़ कर मेंढक बन जाते हैं जो अपनी पूर्व लंबाई का केवल एक चौथाई से एक तिहाई रह जाते हैं। इसलिए इस मेंढक को प्रकृति के चमत्कारों में एक से माना जाता है।