कोकेन का रहस्य: 400 साल पहले यूरोप के अस्पताल में दबे कंकालों से खुला राज!

एक रिसर्च ने यूरोप में ड्रग्स के इतिहास की एक चौंकाने वाली कहानी सामने लाई है। इटली के मिलान शहर में मौजूद एक सदियों पुराने अस्पताल "क' ग्रैंडा (Ca’ Granda)" के बंद तहखाने की खुदाई के दौरान वैज्ञानिकों को वहां कई कंकाल मिले। यह तहखाना करीब 1600 ईस्वी के आसपास मिलान के गरीब लोगों का कब्रिस्तान हुआ करता था, जो इलाज के लिए इस अस्पताल में आया करते थे।
इस तस्वीर में एक तहखाना सुरंग दिखाई देती है, जो पत्थरों से बनी है। इस तहखाने के सामने कई मानव कंकाल ज़मीन पर बिखरे हुए पड़े हैं, जो बहुत पुराने समय के लगते हैं।
मिलान के अस्पताल में छुपा था सदियों पुराना कोकेन का राज!(AI)
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2019 में मिलान यूनिवर्सिटी की रिसर्चर गइआ जिओर्डानो ने पहली बार इस तहखाने की जांच की। वहां से उन्हें कुल 9 खोपड़ियां और कुछ दिमाग के टिश्यू सैंपल मिले। इन सैंपलों से हैरान कर देने वाली बात सामने आई—कम से कम दो लोगों में कोकेन के अंश पाए गए! यह कंकाल 1600 से 1700 के बीच के बताए जा रहे हैं।

इस खोज से यह संकेत मिला है कि यूरोप में कोका पौधे का इस्तेमाल, इससे कोकेन निकाले जाने से भी 200 साल पहले हो रहा था। गौरतलब है कि जर्मन वैज्ञानिक अल्बर्ट नीमन ने 1860 में पहली बार कोका के पत्तों से कोकेन निकाला था और इसका नाम रखा था "कोकेन"। इससे पहले माना जाता था कि यूरोप में इसका कोई उपयोग नहीं था।

इस तस्वीर में एक प्राचीन यूरोपीय इमारत दिखाई दे रही है, जो पत्थरों और ईंटों से बनी है। इमारत के सामने एक बड़ा मेहराबदार दरवाज़ा है और उसके ऊपर खिड़कियाँ और खंभों वाला ढांचा बना हुआ है, जो पुराने अस्पताल या ऐतिहासिक भवन जैसा लगता है।
2019 में मिलान यूनिवर्सिटी की रिसर्चर गइआ जिओर्डानो ने पहली बार इस तहखाने की जांच की।(AI)

हालांकि, इंसानों में कोका का सबसे पहला ज़िक्र 1451 से 1512 के बीच मिलता है, जब इटली के फ्लोरेंटाइन यात्री अमेरिगो वेसपुक्की ने दक्षिण अमेरिका की यात्रा के दौरान वहां के लोगों द्वारा कोका पत्तियों के इस्तेमाल का वर्णन किया था। उस समय इसे एक औषधि की तरह उपयोग किया जाता था - दर्द से राहत या थकान दूर करने के लिए।

रिसर्च "जर्नल ऑफ फॉरेंसिक टॉक्सिकोलॉजी" में प्रकाशित हुई है और यह यूरोप में कोका के शुरुआती प्रयोग का पहला ठोस प्रमाण मानी जा रही है। यह भी माना जा रहा है कि मिलान जैसे शहरों में भी लोग शायद दक्षिण अमेरिका की सभ्यताओं की तरह कोका पत्तियों का पारंपरिक रूप से प्रयोग करते रहे होंगे।

इस तस्वीर में कई मानव कंकाल ज़मीन पर बिखरे हुए पड़े हैं, जो बहुत पुराने समय के लगते हैं।
तहखाने में मिलीं इंसानी खोपड़ियाँ! (AI)

हालांकि समय के साथ जब कोका से रासायनिक रूप से कोकेन बनाना शुरू हुआ, तो इसके दुष्प्रभाव सामने आए। आज कोकेन का सेवन पूरी दुनिया में गैरकानूनी और स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक माना जाता है।

यह खोज इतिहास और विज्ञान दोनों के लिए एक नई दिशा खोलती है, जो बताती है कि ड्रग्स का इतिहास हमारी सोच से कहीं ज्यादा पुराना और जटिल हो सकता है।

इस तस्वीर में एक तहखाना सुरंग दिखाई देती है, जो पत्थरों से बनी है। इस तहखाने के सामने कई मानव कंकाल ज़मीन पर बिखरे हुए पड़े हैं, जो बहुत पुराने समय के लगते हैं।
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