डीप फेक एक टेक्नोलॉजी है जिससे एक रियल वीडियो में दूसरे व्यक्ति के चेहरे को फिट करके वीडियो बनाया जाता है। यह वीडियो एकदम रियल लगता है। अभी हाल ही में टॉलीवुड की एक एक्ट्रेस रश्मिका के डीप फेक के वीडियो काफी वायरल हुए थे इसके बाद लोगों में डीप फेक टेक्नोलॉजी को लेकर काफी जागरूकता आ गई। लेकिन यदि आप अभी भी डीप फेक टेक्नोलॉजी से अनजान है तो हम आपको आज पूरे विस्तार से इस टेक्नोलॉजी के बारे में बताएंगे।
एक्ट्रेस रश्मिका मंदांना डीप फेक नामक टेक्नोलॉजी का शिकार हुई और उसके बाद से ही डीप फेक चर्चा का विषय बन गया, इसके परिणाम इतने खतरनाक है कि खुद पीएम मोदी ने इसे खतरा बताया। दरअसल डीप फेक एक टेक्नोलॉजी है जिससे एक रियल वीडियो में दूसरे व्यक्ति के चेहरे को फिट करके वीडियो बनाया जाता है। वीडियो बनाने के लिए AI की मदद ली जाती है। डीप फेक शब्द डीप लर्निंग एल्गोरिथम टेक्नोलॉजी से आया है। यह टेक्नोलॉजी खुद को आंकड़ों की मदद से समस्याओं का समाधान करना सिखाती है और इसका इस्तेमाल रियल व्यक्ति का फेक कंटेंट बनाने में किया जाता है।
डीप फेक बनाने की प्रक्रिया जटिल है लेकिन इसके सॉफ्टवेयर तक पहुंचना आसान है। कई ऐप्स लोगों के लिए डीप फेक बनाना आसान बना देता है, जैसे चीनी एप जेडएलो, डीप फेक लैब, फेक एप या फेस स्वैप। यही नहीं ओपन सोर्स डेवलपमेंट कम्युनिटी GitHub पर बड़ी संख्या में डीप फेक सॉफ्टवेयर उपलब्ध है। डीप फेक बनाने के कई तरीके हैं लेकिन सबसे आसान तरीका है डीप न्यूरल नेटवर्क का इस्तेमाल करते हुए फेस स्वंपिंग तकनीक का उपयोग करना। जितना आसान डीप फेक के वीडियो बनाना है, उससे कहीं ज्यादा मुश्किल उन वीडियो को समझ पाना है लेकिन कुछ बातों को ध्यान में रखकर समझा जा सकता है कि कोई भी वीडियो रियल है या फिर फेक।
ऐसे कई संकेतक हैं जो डीप फेक की पहचान करने में मदद कर सकते हैं। सबसे पहले यह जानना जरूरी है की वीडियो में दिख रहे डिटेल्स धुंधली है या फिर साफ। डीप फेक की वीडियो में नजर आ रहे चेहरे पर गौर करने से यह बात समझ में आ जाएगी की वीडियो असली है या फिर नकली। कई बार डीप फेक के वीडियो में लाइटिंग अप्राकृतिक लगती है जिससे पहचाना जा सकता है की वीडियो फेक है। इसके अलावा जब आवाज या फिर शब्द विजुअल्स के साथ मैच नहीं करेंगे या आवाज और लिप्सिंग में अंतर नजर आएगा तब यह पहचाना जा सकता है कि यह वीडियो डीप फेक की मदद से बनाया गया है। इन कुछ बातों का ध्यान रखकर, पहचाना जा सकता है की वीडियो असली है या फिर नकली।