भारत का समुद्रयान हो रहा है तैयार, अंतरिक्ष से भी कठिन होगा समुद्र की गहराईयों में जाना

पृथ्वी विज्ञान मंत्री रीजीजू ने बताया कि अब भारत समुद्र का अध्ययन करेगा, जिसके लिए भारत वैज्ञानिकों को समुद्र तल के नीचे छह किलोमीटर गहराई में भेजने में अगले साल के अंत तक सक्षम हो जाएगा।
Samundrayan:भारत जल्द ही समुद्र की गहराई में खोज के लिए समुद्रयान को तैयार कर रहा हैं।(Wikimedia Commons)
Samundrayan:भारत जल्द ही समुद्र की गहराई में खोज के लिए समुद्रयान को तैयार कर रहा हैं।(Wikimedia Commons)
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Samundrayan : चंद्रयान-3 की सफ़लता पूरे भारत देश के लिए एक बड़ी खुश खबरी थी। चंद्रयान-3 के बाद ISRO यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन गगनयान की ओर अपना लक्ष्य साध लिए, लेकिन इसी बीच एक और चर्चा सामने आ रहा हैं कि अब भारत जल्द ही समुद्र की गहराई में भी खोज के लिए समुद्रयान को तैयार कर रहा हैं। किरेन रिजिजू के अनुसार 2025 के अंत तक इस मामले में बड़ी खुशखबरी मिलने के संकेत है।

6,000 मीटर की गहराई में ले जायेगा पनडुब्बी

पृथ्वी विज्ञान मंत्री रीजीजू ने बताया कि अब भारत समुद्र का अध्ययन करेगा, जिसके लिए भारत वैज्ञानिकों को समुद्र तल के नीचे छह किलोमीटर गहराई में भेजने में अगले साल के अंत तक सक्षम हो जाएगा। रीजीजू ने 'पीटीआई-भाषा' को दिए गए एक वीडियो साक्षात्कार में कहा कि गहरे समुद्र में जाने के लिए पनडुब्बी 'मत्स्य 6000' का कार्य सही से आगे बढ़ रहा है। यह पनडुब्बी मनुष्यों को समुद्र में 6,000 मीटर की गहराई तक ले जाने में समक्ष होगी। आपको बता दें कि हम समुद्र के अंदर लगभग 6,000 मीटर गहराई तक जाने के मिशन के बारे में बात करते हैं, जहां प्रकाश भी नहीं पहुंच सकता।

यह पनडुब्बी मनुष्यों को समुद्र में 6,000 मीटर की गहराई तक ले जाने में समक्ष होगी। (Wikimedia Commons)
यह पनडुब्बी मनुष्यों को समुद्र में 6,000 मीटर की गहराई तक ले जाने में समक्ष होगी। (Wikimedia Commons)

वैज्ञानिक सेंसर और उपकरणों से है लैस

हमारे प्रारंभिक चरण में आगामी वर्ष के भीतर 500 मीटर (उथले पानी) की गहराई पर परीक्षण और प्रयोग शामिल होगा। यह पनडुब्बी पूरी तरह वैज्ञानिक सेंसर और उपकरणों से लैस होगी। इस पनडुब्बी की परिचालन क्षमता 12 घंटे होगी, जिसे आपात स्थिति में भी 96 घंटे तक बढ़ाया जा सकता है। अब तक सफलतापूर्वक इस मिशन को अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और जापान जैसे देश अंजाम दे चुके है। अब भारत भी ऐसे मिशन के लिए इन देशों की श्रेणी में शामिल होने के लिए तैयार है।

इस साल होगा पहला परीक्षण

मंत्री ने कहा कि उन्होंने परियोजना की पूरी समीक्षा की है और हमारे वैज्ञानिक इस साल के अंत तक पनडुब्बी का पहला सतही जल परीक्षण करेंगे। रीजीजू ने कहा, 'मुझे विश्वास है कि हम 2025 के अंत तक यानी अगले साल तक अपने मानव दल को 6,000 मीटर से अधिक गहरे समुद्र में भेजने में सक्षम होंगे।' आपको बता दें कि समुद्रयान मिशन की शुरूआत 2021 से शुरू हुआ था।

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