एकेटीयू (AKTU) शुरू करेगी इनोवेशन,रिन्यूएबल एनर्जी और स्टार्टअप से जुड़े कोर्स

एकेटीयू के पीआरओ पवन त्रिपाठी के अनुसार, एकेटीयू AICTC के निर्देश पर प्रदेश में संस्थानों को मान्यता प्रदान करने का कार्य करती है।
स्टार्टअप का सांकेतिक चित्र
स्टार्टअप का सांकेतिक चित्रWikimedia
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में युवाओं को तकनीक के क्षेत्र में सक्षम बनाने के लिए सरकार ने डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (Dr. APJ Abdul Kalam Technical University) के तहत नए तकनीकी संस्थान खोले जाने के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं। नए संस्थानों में नए कोर्स संचालित करने को भी प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि ज्यादा से ज्यादा प्रशिक्षित युवा रोजगार व स्वरोजगार से जुड़ सकें। इन कोर्सेज में इनोवेशन (Innovation), स्टार्टअप ( Start-up) और रीन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) से जुड़े कोर्सेज को प्राथमिकता दी जाएगी।

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एकेटीयू के पीआरओ पवन त्रिपाठी के अनुसार, एकेटीयू AICTC के निर्देश पर प्रदेश में संस्थानों को मान्यता प्रदान करने का कार्य करती है। एआईसीटीई के मानक पाठ्यक्रमों को ही एकेटीयू से संबद्ध संस्थानों में पढ़ाया जाता है। सरकार के इस फैसले से दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले छात्रों को दूसरे शहरों के संस्थानों में प्रवेश के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। उन्हें उनके शहरों में निजी तकनीकी संस्थान उपलब्ध हो सकेंगे जहां से वो डिग्री या डिप्लोमा कोर्स करके रोजगार हासिल कर सकेंगे।

उन्होंने बताया कि सरकार का फोकस इनोवेशन और स्टार्ट-अप को प्रोत्साहित करने वाली तकनीक पर है। रीन्यूएबल एनर्जी को लेकर खुद एकेटीयू भी पाठ्यक्रम शुरू करना चाहती है। इस तरह के पाठ्यक्रमों से छात्रों को बेहतर भविष्य की दिशा मिलने की संभावना है। साथ ही, ड्रोन टेक्नोलॉजी (Drone Technology) और एविएशन जैसे विषय भी एकेटीयू के पाठ्यक्रम का हिस्सा हैं। इन क्षेत्रों में भी संस्थानों को प्रोत्साहित किया जा सकता है।

गौरतलब है कि, प्रदेश के निजी क्षेत्र की तकनीकी संस्थाओं में नए पाठ्यक्रम शुरू करने और संस्थान के विस्तार के संबंध में एनओसी और संबद्धता प्रदान करने के लिए कोई अलग से प्रक्रिया का निर्धारण नहीं था। इसके चलते निजी क्षेत्र की संस्थाओं को संबद्धता प्रदान किए जाने में विभिन्न प्रकार की कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। साथ ही संबद्धता मिलने में काफी समय भी लग जाता है। विगत वर्षों का अनुभव भी रहा है कि शासन द्वारा एनओसी प्राप्त संस्थानों में से अधिकांश संस्थानों को नियामक संस्थाओं पीसीआई, एआईसीटीई द्वारा संबद्धता हेतु एनओसी प्रदान नहीं की गई है।

ड्रोन टेक्नोलॉजी का सांकेतिक चित्र
ड्रोन टेक्नोलॉजी का सांकेतिक चित्रWikimedia

दिशा निर्देशों के तहत ट्रस्ट/सोसाइटी आदि भी नए संस्थान संचालित कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें एकेटीयू से एनओसी लेनी होगी। ऑनलाइन आवेदन के बाद समस्त अभिलेखों के सत्यापन के आधार पर राज्य सरकार एनओसी जारी कर सकेगी। आवेदक संस्थान अपने आवेदनों में पूर्व से स्थापित तकनीकी संस्थानों के संक्षिप्त रूप/नामों जैसे आईआईएम, आईआईटी, आईआईएससी, एनआईटी, आईआईएसईआर, आईआईआईटी, आईआईईएसटी, एआईसीटीई, यूजीसी, एमओयू, जीओआई का प्रयोग नहीं करेंगे। इसके अतिरिक्त आवेदक संस्थान अपने तकनीकी संस्थान के नाम में गवर्नमेन्ट, इण्डिया, इण्डियन, नेशनल, ऑल इण्डिया, ऑल इण्डिया काउंसिल, कमीशन जैसे शब्दों का प्रयोग नहीं करेंगे। कहीं से भी ऐसा नहीं लगना चाहिए कि वे सरकारी संस्थान हैं। चूंकि वे पूर्णतया निजी संस्थान हैं अत: वे एंबलम एंड नेम्स एक्ट, 1950 से प्रतिबंधित किसी भी नाम का प्रयोग नहीं करेंगे। सत्यापन के उपरांत एनओसी आवेदन के 60 दिनों के अन्दर राज्य सरकार द्वारा जारी कर दी जाएगी।

विश्वविद्यालय की संबद्धता प्रदान किए जाने को लेकर भी दिशा निर्देश दिए गए हैं। इसके तहत एनओसी प्राप्त होने के बाद आवेदक नियामक निकाय (एआईसीटीई/पीसीआई आदि) से नए संस्थान के अनुमोदन/पाठ्यक्रम कार्यक्रम आदि में वृद्धि के लिए आवेदन करेगा।

आईएएनएस/PT

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