वायरलेस चार्जिग से लंबी दूरी तय कर सकेंगी इलेक्ट्रिक गाड़ियां

उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के एमआईईटी कालेज के दो छात्रों सागर और रोहित ने मिलकर वायरलेस इलेक्ट्रिक व्हीकल्स चाजिर्ंग सिस्टम बनाया है।
इलेक्ट्रिक व्हीकल्स।
इलेक्ट्रिक व्हीकल्स।IANS
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डीजल और पेट्रोल गाड़ियों की तरह ही अब इलेक्ट्रिक गाड़ियां भी लंबी दूरियां तय कर सकेगी। एमआईईटी के अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर के सागर कुमार और रोहित राजभर ने एक ऐसा अविष्कार किया है, जो चलती इलेक्ट्रिक गाड़ियों को चार्ज करता रहेगा। इससे इलेक्ट्रिक गाड़ियों के डिस्चार्ज होने की समस्या दूर होगी और कहीं रास्ते पर फंसने का डर भी नहीं रहेगा।

उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के एमआईईटी कालेज के दो छात्रों सागर और रोहित ने मिलकर वायरलेस इलेक्ट्रिक व्हीकल्स चाजिर्ंग सिस्टम बनाया है, जो कि गाड़ी को चलते-चलते चार्ज करने में मदद करेगा। उन्होंने बताया कि हमने देखा कि पर्यावरण को बचाने के लिए इलेक्ट्रिक गाड़ियां तो सड़कों पर चल रही है। लेकिन चार्जिग स्टेशन सीमित होने के कारण लंबी दूरियां नहीं तय कर पाती हैं। इससे लोगों को काफी परेशानियां झेलनी पड़ती हैं। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए वायरलेस इलेक्ट्रिक व्हीकल्स चजिर्ंग सिस्टम बनाया है, जो चलती गाड़ी को चार्ज करता रहेगा।

सागर ने बताया कि इस सिस्टम के तहत सड़क के किनारे एक टॉवर बनाया जाएगा, जो करेंट को गाड़ियों तक भेजने का काम करेगा। गाड़ी में एक रिसवर रखा होगा। टॉवर के रेंज में गाड़ी के आते ही उसकी बैटरी चार्ज होने लगेगी। रिसीवर डिवाइस का गाड़ी के पास लगा होना जरूरी है। अभी यह प्रोटोटाइप का है। अभी इसकी रेंज बहुत कम है, लेकिन इसकी स्पीड को बढ़ाने पर काम हो रहा है। यह ठीक वायरलेस मोबाइल चार्जर की तरह है।

 वायरलेस व्हीकल चार्जिंग।
वायरलेस व्हीकल चार्जिंग।IANS



उन्होंने बताया कि सड़क किनारे लगा टावर गाड़ियों में लगे रिसिवर को करेंट देगा। रिसीवर से बैट्री चार्ज होगी। ज्यादा दूरी में अच्छा काम करेगा। इसका प्रपोजल नीति आयोग भेजा गया है। नीति आयोग ने 20 हजार रुपए की मदद भी की है।

रोहित ने बताया वायरलेस व्हीकल चाजिर्ंग का आईडिया काफी पहले हम लोगों ने सोचा था। लेकिन कोई मदद न मिलने की वजह से यह हम लोगों को यह काम करने में काफी मुश्किल हो रही थी। लेकिन अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर में संपर्क किया तो हमारा प्रोजेक्ट सेलेक्ट हो गया और हमें प्रोटोटाईप बनाने के लिए फंड और लैब मिल गई, जिससे यह काम आसानी से हो रहा है।

एमआईईटी इंजिनियरिंग कॉलेज के वॉइस चेयरमैन पुनीत अग्रवाल ने बताया कि हमारे कॉलेज में अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर है, जहां बच्चे इनोवेशन कर सकते हैं। हम उनके आईडिया पर हर संभव मदद करने का प्रयास करते हैं।

क्षेत्रीय विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी महादेव पांडेय ने कहा कि यह तकनीक इलेक्ट्रिक मग्निटिक फोर्स सिस्टम से व्हीकल्स को रिचार्ज किया जाएगा। जनहित के लिए बहुत अच्छी तकनीक का इजाद हुआ है। यह तकनीक देश के विकास में भागीदार हो सकती है, बशर्ते इसके रेंज पर काम किए जाने की आवश्यकता है।

(आईएएनएस/JS)

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