
70 प्रतिशत से अधिक आईटी लीडर्स ने संकेत दिया कि नियामक अनुपालन उनके संगठन में व्यापक रूप से जेनएआई प्रोडक्टिविटी असिस्टेंट डिप्लॉयमेंट के लिए उनकी शीर्ष तीन चुनौतियों में से एक है।
एक बिजनेस और टेक्नोलॉजी इनसाइट कंपनी (Business and Technology Insight Company) की रिपोर्ट में कहा गया है इस बीच, केवल 23 प्रतिशत ही अपने एंटरप्राइज एप्लीकेशन में जेनएआई टूल्स को लागू करते समय सिक्योरिटी और शासन घटकों के प्रबंधन की अपनी संगठन की क्षमता को लेकर आश्वस्त हैं।
गार्टनर की वरिष्ठ निदेशक विश्लेषक लिडिया क्लॉघर्टी जोन्स ने कहा, "ग्लोबल एआई नियम व्यापक रूप से भिन्न हैं, जो प्रत्येक देश के एआई लीडरशिप और इनोवेशन के रिस्क मिटिगेशन प्राथमिकताओं के साथ उचित संरेखण के आकलन को दर्शाते हैं।"
भू-राजनीतिक माहौल का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है, लेकिन प्रतिक्रिया देने की क्षमता धीमी है।
लगभग 57 प्रतिशत गैर-अमेरिकी आईटी लीडर्स ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भू-राजनीतिक माहौल ने जेनएआई रणनीति और कार्यान्वयन को मामूली रूप से प्रभावित किया है, जबकि 19 प्रतिशत रेस्पोंडेंट्स ने बताया कि इसका बड़ा प्रभाव रहा है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि लगभग 60 प्रतिशत रेस्पोंडेंट्स ने बताया कि वे गैर-अमेरिकी जेनएआई टूल विकल्पों को अपनाने में असमर्थ या अनिच्छुक थे।
यह रिपोर्ट जेनरेटिव एआई टूल्स के रोलआउट में शामिल 360 आईटी लीडर्स के इनपुट के आधार पर तैयार की गई थी।
एक अलग पोल में गार्टनर ने पाया कि 489 रेस्पोंडेंट्स में से 40 प्रतिशत ने संकेत दिया कि उनके संगठन की एआई संप्रभुता के प्रति भावना सकारात्मक है और 36 प्रतिशत ने संकेत दिया कि उनके संगठन की भावना तटस्थ है।
एआई संप्रभुता (AI sovereignty) को राष्ट्र-राज्यों की अपने अधिकार क्षेत्र में एआई तकनीकों के विकास, परिनियोजन और प्रशासन को नियंत्रित करने की क्षमता के रूप में परिभाषित किया गया है।
66 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कहा कि संप्रभु एआई रणनीति के प्रति सक्रिय थे, जबकि 52 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कहा कि उनके संगठन संप्रभु एआई के प्रत्यक्ष परिणाम के रूप में रणनीतिक या ऑपरेटिंग मॉडल में बदलाव कर रहे थे।
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